Shardiya Navratri 2022 Date: शारदीय नवरात्रि पर्व कब से होगा शुरू, जानें तिथि, कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त और महत्व
By रुस्तम राणा | Published: September 12, 2022 01:43 PM2022-09-12T13:43:54+5:302022-09-12T13:43:54+5:30
इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर्व 26 सितंबर से शुरू होगा, जो 4 अक्टूबर तक चलेगा। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधि-विधान से उपासना की जाती है। नौ दिनों तक नवरात्रि व्रत रखे जाते हैं।
Shardiya Navratri 2022: शारदीय नवरात्रि पर्व पितृ पक्ष के समाप्त होने के बाद मनाया जाता है। मां शक्ति की आराधना का यह पर्व आश्विन मास शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तिथि तक चलता है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ अलग-अलग रूपों की विधि-विधान से उपासना की जाती है। नौ दिनों तक नवरात्रि व्रत रखे जाते हैं। शुभ मुहूर्त में घटस्थापना कर इस पावन पर्व की शुरूआत की जाती है और पर्व का अंत कन्या पूजन से किया जाता है। इस वर्ष शारदीय नवरात्रि पर्व 26 सितंबर से शुरू होगा, जो 4 अक्टूबर तक चलेगा।
घटस्थापना का मुहूर्त
घटस्थापना के लिए शुभ मुहूर्त 26 सितंबर 2022 को सुबह 6:11 बजे से लेकर 7:51 बजे तक रहेगा। इसके अलावा इस दिन अभिजीत मुहूर्त में दोपहर 12:06 बजे से 12:54 बजे तक है।
शारदीय नवरात्रि 2022 की तिथियां
दिन | तारीख | मां दुर्गा के नौ रूप |
नवरात्रि का पहला दिन | 26 सितंबर 2022 | मां शैल पुत्री |
नवरात्रि का दूसरा दिन | 27 सितंबर 2022 | मां ब्रह्मचारिणी |
नवरात्रि का तीसरा दिन | 28 सितंबर 2022 | मां चंद्रघंटा |
नवरात्रि का चौथा दिन | 29 सितंबर 2022 | मां कुष्मांडा |
नवरात्रि का पांचावां दिन | 30 सितंबर 2022 | मां स्कंदमाता |
नवरात्रि का छठा दिन | 01 अक्टूबर 2022 | मां कात्यायनी |
नवरात्रि का सातवां दिन | 02 अक्टूबर 2022 | मां कालरात्रि |
नवरात्रि का आठवां दिन | 03 अक्टूबर 2022 | मां महागौरी |
नवरात्रि का नौवां दिन | 04 अक्टूबर 2022 | मां सिद्धिदात्रि |
कलश स्थापना विधि
सबसे पहले घर में उत्तर-पूर्व दिशा में पूजा स्थल का चयन करें। उसे पोछा लगाकर गंगाजल से साफ-सुथरा करें। इसके बाद मां की चौकी बिछाएं। इस पर लाल कपड़ा बिछाकर मां की प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कलश स्थापना करें। नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधें। कलश में जल भरकर लौंग का जोड़ा, सुपारी, हल्दी की गांठ, दूर्वा और एक रूपये का सिक्का डालें। अब कलश के मुख पर पांच आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें। इस कलश को मां की प्रतिमा के ठीक दायीं ओर स्थापित करें। इस प्रक्रिया के बाद मंत्र सहित मां दुर्गा का आवाह्न करें।
शारदीय नवरात्रि का महत्व
हिन्दू मान्यता के अनुसार शारदीय नवरात्रि माता दुर्गा की आराधना का श्रेष्ठ समय होता है। नवरात्रि के 9 दिनों में हर दिन मां के अलग-अलग रूपों की पूजा होती है, जो अपने भक्तों का कल्याण करती हैं। नवरात्रि का हर दिन देवी के विशिष्ठ रूप को समर्पित होता है और हर देवी स्वरुप की कृपा से अलग-अलग तरह के मनोरथ पूर्ण होते हैं। कहते हैं जो भक्त सच्चे मन से शारदीय नवरात्रि व्रत को करता है मां दुर्गा उसके समस्त प्रकार के कष्टों को हर लेती हैं और उसे सुखी और समृद्धशाली जीवन प्रदान करती हैं। इस व्रत से भक्तों की समस्त प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।