Navratri 2020: आज मां शैलपुत्री की करें अराधना, यहां जानिए पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और मंत्र
By गुणातीत ओझा | Published: October 17, 2020 10:44 AM2020-10-17T10:44:42+5:302020-10-17T10:47:58+5:30
शारदीय नवरात्र आज शनिवार से शुरू हो चुका है। इस नवरात्र का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार नवरात्र शुरू होते ही आज के दिन मां दुर्गा का आगमन स्वर्ग से धरती पर हो चुका है।
Navratri 2020: शारदीय नवरात्र आज शनिवार से शुरू हो चुका है। इस नवरात्र का विशेष महत्व है। मान्यताओं के अनुसार नवरात्र शुरू होते ही आज के दिन मां दुर्गा का आगमन स्वर्ग से धरती पर हो चुका है। हिंदू धर्म में इन नौ दिनों का बहुत अधिक महत्व होता है। नवरात्र में देवी के नौ रूपों की पूजा धूमधाम से की जाती हैं। हर एक दिन देवी के अलग-अलग रूप की उपासना करने से भक्त को आशीर्वाद मिलता है। मां दुर्गा के भक्तों को इसकी तैयारी एक दिन पहले ही करनी होगी। आइए आपको बताते हैं कि मां दुर्गा की पूजा के बारे में सबकुछ...
माता शैलपुत्री की पूजा विधि
नवरात्रि प्रतिपदा के दिन कलश या घट स्थापना कर दुर्गा पूजा का संकल्प लिया जाता है। फिर माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा की जाती है। मां को अक्षत्, सिंदूर, धूप, गंध, पुष्प आदि अर्पित करना चाहिए। मां शैलपुत्री के मंत्रों का जाप करने से मां का आशीर्वाद बनता है। इसके बाद कपूर या गाय के घी से दीपक जलाएं। मां की आरती करें। शंखनाद के साथ घंटी बजाएं। मां को प्रसाद अर्पित करें। पूजा समाप्त होने के बाद घर में सभी को प्रसाद दें।
नव दुर्गा देवी के मंत्र
1. शैलपुत्री- ह्रीं शिवायै नम:।
2. ब्रह्मचारिणी- ह्रीं श्री अम्बिकायै नम:।
3. चन्द्रघण्टा- ऐं श्रीं शक्तयै नम:।
4. कूष्मांडा- ऐं ह्री देव्यै नम:।
5. स्कंदमाता- ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नम:।
6. कात्यायनी- क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नम:।
7. कालरात्रि - क्लीं ऐं श्री कालिकायै नम:।
8. महागौरी- श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नम:।
9. सिद्धिदात्री - ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नम:।
मां को पसंद है गुड़हल का फूल
दुर्गा मां का प्रिय पुष्प गुड़हल है। गुड़हल का फूल चढ़ाने से भक्तों पर असीम अनुकंपा होती हैं। देवी पुराण में मां दुर्गा पर गुड़हल का पुष्प चढ़ाना बहुत लाभदायक है। गुड़हल के पुष्प में मां दुर्गा का विशेष वास माना जाता है।
मां शैलपुत्री को सफेद चीज हैं पसंद
नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। मां शैलपुत्री को सफेद चीज पसंद है। इस दिन सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है और अगर यह गाय के घी में बनी हों तो व्यक्ति को रोगों से मुक्ति मिलती है और हर तरह की बीमारी दूर होती है।
घट स्थापना का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर से शुरू हो रहा है। पंचांग के अनुसार इस दिन आश्चिन मास की शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि रहेगी। इस दिन घट स्थापना मुहूर्त का समय सुबह 06 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगा। घटस्थापना के लिए अभिजित मुहूर्त सुबह 11बजकर 44 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक रहेगा।