Navratri 2019: नवरात्रि में माता दुर्गा को ये 9 भोग करें समर्पित, जानें किस दिन क्या चढ़ाएं
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 25, 2019 08:54 AM2019-09-25T08:54:13+5:302019-09-25T08:54:13+5:30
Navratri 2019: नवरात्रि की शुरुआत 29 सितंबर से हो रही है। कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त पहले दिन सुबह में और दोपहर में रहेगा। इस त्योहार के दौरान माता दुर्गा को अलग-अलग भोग भी लगाये जाते हैं, जानिए इसके बारे में...
Shardiya Navratri 2019: शारदीय नवरात्रि का आगाज 29 सितंबर से हो रहा है। इससे पहले 28 तारीख को पितृपक्ष खत्म होगा। इसके बाद श्विन मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्रि की शुरुआत हो जाएगी। हिंदू धर्म में नवरात्रि या कहें दुर्गा पूजा का बहुत महत्व है। नौ दिन तक चलने वाले नवरात्रि के बाद 10वें दिन विजयादशमी बनाई जाती है। इस दौरान माता दुर्गा के 9 विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। देवी मां के इन रूपों में मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और माता सिद्धिदात्रि की पूजा की जाती है। नवरात्र के पहले दिन कलश स्थापना की जाती है। साथ ही कई भक्त इन नौ दिन उपवास या फलाहार करते हैं।
मान्यता है कि इन नौ दिनों के लिए शक्ति की देवी माता दुर्गा धरती पर अपने मायका आती हैं। इसलिए उन्हें अच्छा भोजन, आहार आदि अर्पित किया जाता है। ऐसा करने से देवी मां प्रसन्न होती हैं और भक्तों पर उनकी कृपादृष्टि बनी रहती है। आईए, जानते हैं कि नौ दिनों की इस विशेष पूजा के दौरान माता दुर्गा को क्या भोग लगाएं।
Navratri 2019: माता दुर्गा को 9 दिन कौन-कौन से भोग?
पहला दिन (शैलपुत्री): नवरात्रि के पहले दिन माता शैलपुत्री की पूजा का विधान है। इस दिन माता को शुद्ध देसी घी अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से भक्तों को सभी प्रकार के कष्टों और बीमारी से मुक्ति मिलती है।
दूसरा दिन (ब्रह्मचारिणी): नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है। इस दिन माता को शक्कर, सफेद मिठाई, फलों, मिश्री आदि का भोग लगाना चाहिए।
तीसरा दिन (चंद्रघंटा): नवरात्रि के तीसरे दिन माता दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता को दूध से बने मिष्ठान, खीर आदि का भोग लगाया जाना चाहिए।
चौथा दिन (कुष्मांडा): इस त्योहार के चौथे दिन कुष्मांडा स्वरूप की पूजा होती है। इस दिन माता को मालपुआ का भोग लगाना अच्छा रहता है। इसे भोग लगाने के बाद प्रसाद के तौर पर बच्चों के बीच वितरित करें।
पांचवां दिन (स्कंदमाता): नवरात्रि के पंचमी के दिन माता को केले का भोग लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे भक्तों को अच्छी सेहत का आशीर्वाद मिलता है।
छठा दिन (कात्यानी): नवरात्रि के छठे दिन कात्यानी स्वरूप की पूजा की जाती है। इस दिन माता को शहद का भोग लगाना अच्छा माना जाता है। मान्यता है इससे जीवन में मधुरता आती है और मनुष्य की आकर्षण शक्ति में वृद्धि होती है।
सातवां दिन (कालरात्रि): इस दिन माता कालरात्रि की पूजा होती है। इस दिन उन्हें गुड़ या इससे बनी मिठाई का भोग लगाया जाता है। मां को गुड़ का नैवेद्य चढ़ाने और उसे फिर ब्राह्मणों को दान करने से शोक से मुक्ति मिलती है। साथ ही आने वाले संकटों से भी रक्षा भी होती है।
आठवां दिन (महागौरी): नवरात्रि के आठवें दिन महागौरी की पूजा होती है। इस दिन माता के इस रूप को नारियल का भोग लगाया जाता है।
नौवां दिन (सिद्धिदात्री): नवरात्रि के आखिरी दिन माता दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है। इस दिन देवी मां को तिल का भोग लगाया जाता है। साथ ही भोग में अनार का भी इस्तेमाल किया जाता है।