शरद पूर्णिमा 2018 : धन की प्राप्ति और आरोग्य जीवन के लिए इस खास मंत्र से करें मां लक्ष्मी की पूजा
By मेघना वर्मा | Published: October 13, 2018 04:19 PM2018-10-13T16:19:42+5:302018-10-23T15:30:03+5:30
पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सुबह स्नानादि के बाद तांबे या मिट्टी के कलश की स्थापना की जाती है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अनुष्ठान किया जाए तो अवश्य सफल होत है।
हिन्दू धर्म में पूर्णिमा का काफी मह्त्व होता है। हर महीने आने वाली इस पूर्णिमा पर बहुत सारे लोग व्रत रखते हैं। मगर इस शरद पूर्णिमा को सभी पूर्णिमा के ऊपर माना जाता है। अश्विन माह की पूर्णिमा यानी शरद पूर्णिमा को पूरे देश में मनाया जाता है। इस साल ये शरद पूर्णिमा 23 अक्टूबर को पड़ रही है जो अगले दिन यानी 24 अक्टूबर तक चलेगी। इस पूर्णिमा को कोजगार पूर्णिमा भी कहते हैं। शास्त्रों के अनुसार इस दिन अनुष्ठान किया जाए तो अवश्य सफल होता है। इस दिन लोग अपने छतों पर खीर रखते हैं। मान्यता तो ये भी है कि इस दिन चांद के प्रकाश में मौजूद रासायनिक तत्व सीधे धरती पर गिरता है और उसकी किरणों के नीचे रखकर किसी खाद्य पदार्थ को खाना हमारे सेहत के लिए भी अच्छा होता है। आइए आपको बताते हैं क्या है शरद पूर्णिमा की पौराणिक कहानी और पूजा विधि।
आसमान से होती है अमृत वर्षा
शरद पूर्णिमा चौमासे यानी भगवान विष्णु के सोने का अंतिम चरण होता है। माना ये भी जाता है कि शरद पूर्णिमा के दिन चांद अपनी 16 कलाओं से पूरा होकर अपनी किरणों से रात भर अमृत की वर्षा करता है। इस रोशनी के नीचे खीर बनाकर रखने से और फिर उसको खाने से शरीर को कई तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। मान्यता ये भी है कि आज ही के दिम मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था।
श्रीकृष्ण ने रचाया था महारास
शरद पूर्णिमा की एक और पौराणिक कथा है जिसके अंतर्गत बताया जाता है कि आज के ही दिन भगवान श्री कृष्ण ने गोपियों संग महारास मचाया था। मान्यता ये है कि मां लक्ष्मी इस रात भ्रमण पर निकलती हैं और जो इस रात जगा रहता है उसका कल्याण करती हैं। कहा जाता है कि इसी रात के बाद मौसम बदलता है और सर्दी का आभास होना शुरू हो जाता है।
ऐसे करें मां लक्ष्मी की पूजा
पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की उपासना के लिए सुबह स्नानादि के बाद तांबे या मिट्टी के कलश की स्थापना की जाती है। इस लाल कपड़े से ढ़क कर रखते हैं। इसके बाद मां लक्ष्मी की प्रतिमा की स्थापना करते हैं। इसके बाद पूरे विधी-विधान से उसकी पूजा की जाती है। सांयकाल समय के अनुसार घी के दीये जलायें। प्रसाद के लिए चाहें तो खीर बना लें। इसके बाद पूजा करके इस खीर को चांद की रोशनी में रख देते हैं।
इस मंत्र के जाप से मिलेगी सफलता
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी की पूजा करना चाहिए। वैदिक और तंत्र में शास्त्र में शरदपूर्णिमा की रात को धन प्राप्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। खास कर आप शरद पूर्णिमा के दिन एक खास मंत्र का जाप कर सकते हैं।
मंत्र है-
ओम श्रीं ओम और ओम ह्वीं ओम महालक्ष्मये नम्
इस मंत्र का जाप 108 बार करना शुभ बताया गया है।