शनिचरी अमावस्या 2019: पूजा में हुई ये 5 गलतियां शनिदेव को कर सकती है नाराज, जरूर रखें ध्यान
By मेघना वर्मा | Published: January 5, 2019 12:07 PM2019-01-05T12:07:09+5:302019-01-05T12:07:09+5:30
शनि देव की पूजा करते समय भूलकर भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल ना करें। तांबे को सूर्य देव से संबधित माना जाता है मगर पिता सूर्य और पुत्र शनि आपस में एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं।
शनिदेव की कृपा पाने के लिए लोग हर शनिवार और अमावस्या के दिन उनका पूजन अर्चन करते हैं। हिन्दू धर्म में अमवास्या के दिन को बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। शनिदेव का शनिचरी अमावस्या आज यानी 5 जनवरी को है। इस दिन लोग ना सिर्फ स्नान, दान और शनिदेव की पूजा उपासना करते हैं। मगर पूजा में की गई कुछ गलतियां शनिदेव को नाराज कर सकती हैं। पितृ दोष दूर करने के लिए और केतु की पीड़ा से मुक्ति पाने के लिए इस दिन शनिदेव की पूजा की जाती है। जानिए शनिचरी अमावस्या की पूजा करते समय किन बातें का रखना चाहिए ध्यान।
1. ना देखें शनिदेव की आंखों में
कहते हैं शनिदेव की पूजा करते समय कभी उनके आंखों में नहीं देखना चाहिए। तो आप शनिचरी अमावस्या या शनिदेव की पूजा जब भी करें तो उनकी आंखों में ना देखें।
2. काले तिल व खिचड़ी का लगाएं भोग
शनिचरी अमावस पर पूजा करते समय काले तिल और काले उड़द की दाल की बनी खिचड़ी का भोग लगाएं। साथ ही सरसों के तेल का ही दीया जलाएं। इसमें काले तिल को भी जरूर एड करें।
3. तांबे के बर्तन का ना करें उपयोग
शनि देव की पूजा करते समय भूलकर भी तांबे के बर्तन का इस्तेमाल ना करें। तांबे को सूर्य देव से संबधित माना जाता है मगर पिता सूर्य और पुत्र शनि आपस में एक दूसरे के शत्रु माने जाते हैं इसलिए तांबे के बर्तन में कभी शनिदेव की पूजा नहीं करनी चाहिए।
4. रंगों का ना करें इस्तेमाल
शनि की पूजा में कभी भी किसी तरह के रंग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अन्य देवताओं की तरह शनि पर कभी रंग-बिरंगे फूल अर्पित ना करें। सिर्फ नीले या काले रंग का ही इस्तेमाल पूजा में करें।
5. पश्चिम दिशा में करें पूजा
शनि देव को पश्चिम दिशा का स्वामी माना जाता है। इसलिए शनिचरी अमावस्या के दिन इस बात का ध्यान रखें कि पूजा पश्चिम दिशा में ही करें।