Shani Sade Sati 2022: नए साल में इन 3 राशियों पर रहेगा शनि साढ़ेसाती का असर, इस राशि को मिलेगा छुटकारा
By रुस्तम राणा | Published: November 27, 2021 08:23 AM2021-11-27T08:23:57+5:302021-11-27T08:23:57+5:30
शनि जिस भी राशि में विराजते हैं उस राशि से वे तृतीय, सप्तम और दशम दृष्टि भी रखते हैं। इसके अलावा इसकी चाल का असर शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से प्रभावित राशियों पर भी पड़ता है।
ज्योतिष गणना 2022 के अनुसार, नए वर्ष में शनि महाराज मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे। शनि देव का यह राशि परिवर्तन 29 अप्रैल 2022 को होगा। शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने के लिए ढाई वर्ष का समय लेते हैं। इसके बाद 12 जुलाई 2022 को वक्री चाल से चलने के कारण दोबारा से मकर राशि में प्रवेश कर जाएंगे। शनि की ये उल्टी चाल जनवरी 2023 तक रहेगी। शनि जिस भी राशि में विराजते हैं उस राशि से वे तृतीय, सप्तम और दशम दृष्टि भी रखते हैं। इसके अलावा इसकी चाल का असर शनि साढ़ेसाती और शनि ढैय्या से प्रभावित राशियों पर भी पड़ता है।
2022 में किन राशियों पर रहेगी साढ़ेसाती
साल 2022 में 29 अप्रैल मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस राशि पर साढ़ेसाती 17 अप्रैल 2030 तक रहेगी। शनि के राशि परिवर्तन से धनु राशि के जातक शनि की साढ़ेसाती से मुक्त हो जाएंगे। मीन राशि पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण, कुंभ राशि पर दूसरा और मकर राशि पर आखिरी चरण होगा। शनि की दशा का प्रभाव किसी भी व्यक्ति पर लंबे समय तक रहता है।
नए साल 2022 में किन राशियों पर रहेगी शनि ढैय्या का असर
साल 2022 में कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी जबकि मिथुन और तुला राशि वालों पर चल रही ढैय्या समाप्त हो जाएगी। बता दें कि शनि की ढैय्या के दौरान जातकों को शनि का प्रकोप झेलना पड़ता है। इस अवधि में मानसिक, शारीरिक और आर्थिक कष्ट का सामना करना पड़ता है।
शनि के प्रकोप से बचने के उपाय
शनि साढ़ेसाती का प्रभाव साढ़े सात साल तक रहता है और शनि ढैय्या का असर ढाई बर्ष तक रहता है। इससे बचने के लिए जातकों को शनि महाराज की पूजा करनी चाहिए। शनिदोष से छुटकारा पाने के लिए प्रत्येक शनिवार को शनि चालीसा का पाठ करना चाहिए। शनि की कृपा प्राप्त करने के लिए शनिवार के दिन शनि मंदिर में तेल चढ़ाना चाहिए। यदि अधिक समस्या का सामना करें तो किसी जानकार ज्योतिषाचार्य से सलाह अवश्य लें।