Sawan Shivratri 2018: इस विधि से करें शिव पूजा, मध्य रात्रि से शुरू हो रहा शुभ मुहूर्त
By गुलनीत कौर | Published: August 8, 2018 05:36 PM2018-08-08T17:36:15+5:302018-08-08T17:36:15+5:30
यदि आप शिवरात्रि का व्रत कर रहे हैं तो आपको पूरा दिन व्रत के नियमों का पालन करना होगा। शिवरात्रि पर लोग दो प्रकार से व्रत करते हैं।
यूं तो हर महीने हिन्दू कैलेंडर के अनुसार शिवरात्री आती है, लेकिन सावन के महीने की शिवरात्रि का हिन्दू धर्म में बेहद महत्व है। भगवान शिव का प्रिय माह होने के कारण इसदिन शिव भक्त भोले बाबा को प्रसन्न करने की हर संभव कोशिश करते हैं। इस बार सावन की शिवरात्रि 9 अगस्त 2018 को मनाई जाएगी। इस अवसर पर भक्त व्रत करते हैं और शिवलिंग पूजा करते हैं। आइए आपको बताते हैं शिव पूजन और व्रत की शास्त्रीय विधि।
सावन में शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त मध्य रात्रि से ही शुरू हो जाता है। यह मुहूर्त रात 12 बजकर 9 मिनट से 1 बजकर 1 मिनट तक का है। सावन शिवरात्रि के इस मध्य रात्रि मुहूर्त को निशिथ काल भी कहा जाता है।
सावन शिवरात्रि व्रत विधि:
यदि आप शिवरात्रि का व्रत कर रहे हैं तो आपको पूरा दिन व्रत के नियमों का पालन करना होगा। शिवरात्रि पर लोग दो प्रकार से व्रत करते हैं। पहला, निर्जला उपवास होता है जिसमें पूरा दिन कुछ भी खाने या पीने की मनाही होती है। और दूसरे प्रकार के व्रत में लोग फलाहार ग्रहण करते हुए व्रत का संकल्प लेते हैं। शिवरात्रि के दिन शाम के समय व्रत खोला जा सकता है।
सावन शिवरात्रि पूजा विधि:
सावन की शिवरात्रि पर यदि पूजन करने जा रहे हैं तो इन पूजन सामग्रियों को एकत्रित करें- अक्षत, सफेद तिल, खड़ा मूंग, जौ, सतुआ, दूध, दही, चीनी, चावल, गंगाजल, बिल्वपत्र, फल, फूल, धूप बत्ती, चन्दन, शहद, घी, इत्र, केसर, धतूरा, कलावे की माला, रुद्राक्ष, भस्म, त्रिपुण्ड्र। शिवरात्रि की सुबह शिव मंदिर जाएं और शिवलिंग पर एक-एक करके बताई गई सामग्री अर्पित करें। सामग्री को चढ़ाते समय निरंतर "ॐ नमः शिवाय" का जपा करें। अंत में भगवान शिव से अपने मन की मुराद पूरी करने के लिए प्रार्थना करें।