Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी कब है और इसे करने से क्या मिलता है फल? जानें व्रत की कथा भी

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 8, 2019 03:39 PM2019-08-08T15:39:44+5:302019-08-08T16:38:19+5:30

Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी व्रत के लिए साधक को एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देना चाहिए। सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें।

Sawan Putrada Ekadashi 2019 date, katha, importance and shubh muhurat | Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी कब है और इसे करने से क्या मिलता है फल? जानें व्रत की कथा भी

पुत्रदा एकादशी के दिन होती है भगवान विष्णु की पूजा

Highlightsसावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पड़ता है पुत्रदा एकादशी व्रतमान्यता है कि इस एकादशी को करने से संतान की कामना पूरी होती है

Shravan Putrada Ekadashi 2019:सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी की में पड़ने वाली पुत्रदा एकादशी के कई मायनों में बहुत महत्व हैं। मान्यता है कि इस एकादशी को करने से संतान की कामना पूरी होती है। एकदाशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है और महीने में दो बार एकादशी पड़ती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार साल भर मे 24 एकादशियां पड़ती हैं। ऐसे ही प्रदोष व्रत भी महीने में दो बार आता है जिसमें भगवान शिव की पूजा का महत्ता है। 

Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी कब है और क्या है कथा?

पुत्रदा एकदाशी इस साल 11 अगस्त को है। इसके ठीक अगले सावन का आखिरी सोमवार व्रत भी है। कहते हैं कि इस उपवास को रखने से संतान संबंधी हर चिंता और समस्या का निवारण हो जाता है। इस व्रत को दो प्रकार से रखा जाता है। इसमें निर्जल व्रत और फलाहारी या जलीय व्रत शामिल है। निर्जल व्रत पूर्ण रूप से स्वस्थ्य व्यक्ति को ही रखना चाहिए। अन्य लोगों के फलाहार या जलीय एकदशी व्रत करना चाहिए।

Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी की कथा

श्री पद्मपुराण के अनुसार द्वापरयुग में महिष्मतीपुरी का राजा महीजित हुआ करता था। वह बड़ा धर्म प्रिय था लेकिन एक दुख उसके साथ था। दरअसल राजा को कोई पुत्र नहीं था। राजा इस चिंता में हमेशा डूबा रहता था।

ऐसे में राजा के शुभचिंतकों ने पूरी बात महामुनि लोमेश को बताई। महामुनि लोमेश ने इसके बाद अपने तपोबल से बताया कि राजन पूर्व जन्म में एक अत्याचारी वैश्य थे। इसी पुत्रदा एकादशी के दिन दोपहर के समय वे प्यास से व्याकुल होकर एक जलाशय पर पहुंचे। वहां उन्होंने एक गाय को पानी पीते देखकर उसे रोक दिया और स्वयं पानी पीने लगे।

यह धर्म के अनुरूप नहीं था। अपने पूर्व जन्म के कुछ पुण्यकर्मों के कारण वे अगले जन्म में राजा तो बने, लेकिन एक पाप के कारण उनकी कोई संतान नहीं हुई। इसके बाद महामुनि ने उन्हें पुत्रदा एकादशी करने की सलाह दी। रात ने उनकी बात मानकर यह व्रत रखा तो कुछ समय बाद रानी गर्भवती हुईं और एक तेजस्वी पुत्र को जन्म दिया। 

Shravan Putrada Ekadashi 2019: पुत्रदा एकादशी व्रत करने के नियम

पुत्रदा एकादशी व्रत के लिए साधक को एक दिन पहले से ही तैयारी शुरू कर देना चाहिए। सात्विक भोजन करें और ब्रह्मचर्य का पालन करें। एकादशी के दिन तड़के उठें और स्नान आदि कर पूजन की तैयारी शुरू करें। संभव है तो पीले वस्त्र को धारण करें। इसके बाद विधिवत श्रीनारायण की पूजा करें और कथा पढ़ें। भगवान को पीले फूल, फल, तुलसी और पंचामृत अर्पित करें। इसके बाद संतान गोपाल मन्त्र का जाप करें। मंत्र जाप के बाद पति-पत्नी एक साथ प्रसाद ग्रहण करें। 

संतान गोपाल मंत्र इस प्रकार है- 

'ऊं क्लीं देवकी सुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते, देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहम शरणम् गता'
ऊं क्लीं कृष्णाय नमः

English summary :
Shravan Putrada Ekadashi 2019: Putrada Ekadashi held on Ekadashi of Shukla Paksha in Saavan month has many significance in many ways. It is believed fasting on this Ekadashi, the wishes of children are fulfilled. The fast of Ekadashi is dedicated to Lord Vishnu.


Web Title: Sawan Putrada Ekadashi 2019 date, katha, importance and shubh muhurat

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