रिश्तों में मिठास और कड़वाहट घोलते हैं ''ग्रह'', जानें इसका ज्योतिषीय कनेक्शन

By गुणातीत ओझा | Published: October 26, 2020 03:29 PM2020-10-26T15:29:18+5:302020-10-26T15:46:03+5:30

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि ग्रहों का संबंध हमारे प्रत्यक्ष जीवन से जुड़ा है। ये ग्रह हमारे निजी और सार्वजनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े हुए हैं।

Relationships are formed and deteriorated by the movement of planets know what astrology says about this | रिश्तों में मिठास और कड़वाहट घोलते हैं ''ग्रह'', जानें इसका ज्योतिषीय कनेक्शन

रिश्तों पर प्रभाव डालते हैं ग्रह, जानें यह ज्योतिषीय कनेक्शन।

Highlightsज्योतिष शास्त्र कहता है कि ग्रहों का संबंध हमारे प्रत्यक्ष जीवन से जुड़ा है।ये ग्रह हमारे निजी और सार्वजनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े हुए हैं।

ज्योतिष शास्त्र कहता है कि ग्रहों का संबंध हमारे प्रत्यक्ष जीवन से जुड़ा है। ये ग्रह हमारे निजी और सार्वजनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं से जुड़े हुए हैं। जैसे सूर्य ग्रह का संबंध पिता से है तो वहीं चंद्रमा माता का कारक होता है। पाल बालाजी ज्योतिष संस्थान जयपुर के निदेशक ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि मंगल छोटे भाई-बहनों को दर्शाता है। ऐसे अन्य ग्रहों का भी संबंध हमारे किसी न किसी रिश्ते से जुड़ा है। आइए जानते हैं ग्रहों का हमारे जीवन में रिश्तों से क्या कनेक्शन है। 

सूर्य संतान और पिता के रिश्ते पर डालता है प्रभाव

सूर्य सीधे तौर पर पिता के साथ हमारे रिश्ते से जुड़ा है। अगर कोई व्यक्ति अपने पिता का सम्मान नहीं करता, बात बात पर उनके साथ तकरार करता है और वैचारिक भिन्नता को अपने व्यवहार में लाकर उनके साथ अपने रिश्ते खराब कर लेता है, तो सीधे तौर पर वह अपने सूर्य को कमजोर करता है। कुंडली में सूर्य की स्थिति देखकर जातक के पिता के व्यक्तित्व को भी जाना जा सकता है। हो सकता है कि पिता सख्त हों, गुस्से वाले हों या फिर उनका व्यवहार रुखा हो। ऐसे में बेटा या बेटी अगर उन्हें सम्मान नहीं देता, खुद को उनसे दूर कर लेता है या अपमानित करता है तो वह खुद ब खुद अपना सूर्य खराब कर रहा होता है। ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि इससे वह कई तरह की बीमारियों का शिकार हो सकता है, तरक्की नहीं कर सकता, हर वक्त तनाव में रह सकता है या फिर आर्थिक परेशानियों का शिकार रहता है। अक्सर लोग ज्योतिषियों के पास इन्हीं समस्याओं को लेकर जाते हैं। सूर्य को खुश करने के कई उपाय भी करते हैं, कोई सूर्य को जल चढ़ाता है तो कोई तांबे के बर्तन में पानी पीता है तो कोई तांबे के कड़े पहनता है। लेकिन ये सारे उपाय तब तक असर नहीं डालते जब तक उसके रिश्ते अपने पिता से मधुर नहीं होते या जब तक वह अपने पिता का आदर नहीं करता।

रिश्तों पर चंद्रमा का प्रभाव

ठीक ऐसी ही स्थिति चंद्रमा के साथ है। यहां पिता की जगह मां के साथ रिश्ते खराब होने से चंद्रमा खराब असर डालता है। यह बेहद स्वाभाविक सा तथ्य है कि जिस मां ने आपको जन्म दिया, तमाम मुश्किलें उठाकर आपको बड़ा किया, उस मां के साथ दुर्व्यवहार करने, उन्हें अपमानित करने से आपका चंद्रमा नाराज होगा जिससे आप मानसिक बीमारियों के शिकार होते हैं, आपकी तरक्की रुक जाती है और आर्थिक परेशानियों से घिर जाएंगे।

मंगल ग्रह का परिवार से नाता

इसी तरह हर रिश्ते का रिश्ता किसी न किसी ग्रह से होता है। मंगल की वजह से आपके रिश्ते ससुराल वालों के साथ और चाचा, चाची, ताऊ और दूसरे रिश्तेदारों से अच्छे या बुरे होते हैं। मंगल आपके छोटे भाई बहन और उनसे बनते बिगड़ते रिश्तों की कहानी बताता है। अच्छा मंगल आपकी मित्र मंडली से भी आपके रिश्ते मजबूत करता है जिसमें युवा मित्रों और सहयोगियों की संख्या ज्यादा होती है।

बुध, गुरु और शुक्र

बुध की बदौलत भाई-बहन, मामा, मामी और यहां तक कि आपके विरोधियों से भी रिश्ते बन-बिगड़ सकते हैं। गुरु यानी बृहस्पति और शुक्र आपके रिश्ते अपने जीवनसाथी और दोस्तों के साथ बेहतर बनाता है।

शनि और राहु-केतु का रिश्तों से कनेक्शन

ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि शनि की बदौलत भी पिता, सास-ससुर, बेटे-बेटियों और दोस्तों के साथ रिश्ते अच्छे बना सकता है। राहु दादा के लिए है और केतु नाना के लिए। राहु का संबंध आपके दादा के साथ साथ ससुराल पक्ष के लोगों के साथ भी जुड़ा है। उनसे बेहतर रिश्ते आपको जीवन में आकस्मिक लाभ और तरक्की के मौके देते हैं। इस तरह आपके सभी नौ ग्रह किसी न किसी रिश्ते से जुड़े हैं।

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