बाल ब्रह्मचारी हनुमान के भी थे एक पुत्र, बजरंग बली से जुड़ी 7 बातें जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 19, 2019 02:24 PM2019-09-19T14:24:11+5:302019-09-19T14:24:11+5:30

हनुमान जी के बारे में 7 रोचक बातें: यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि हनुमान बाल ब्रह्मचारी हैं। हालांकि, उनका एक पुत्र भी हुआ जिनका नाम मकरध्वज था।

Ramayan story in hindi Lord Hanuman had son Makardhwaja 7 things about bajrang bali | बाल ब्रह्मचारी हनुमान के भी थे एक पुत्र, बजरंग बली से जुड़ी 7 बातें जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं

हनुमान जी से जुड़ी 7 रोचक बातें

Highlightsश्रीराम के भक्त हनुमान जी को भगवान शिव का अवतार कहा जाता हैहनुमान के हैं 108 नाम, कैसे पड़ा 'हनुमान' नाम, इसकी भी कथा रोचक है

रामभक्त के रूप में भक्तों के बीच लोकप्रिय हनुमान से जुड़ी कई ऐसी कथाएं हैं जो बेहद दिलचस्प हैं। भगवान हनुमान को लेकर ऐसी मान्यता है कि वे अमर हैं और आज भी पृथ्वी लोक पर मौजूद हैं। धरती पर जहां भी राम कथा होती है, वहां एक जगह जरूर खाली छोड़ी जाती है। मान्यता है कि वहां स्वयं हनुमान आकर विराजते हैं। हनुमान जी का राम प्रेम ऐसा रहा कि उन्होंने त्रेतायुग में हर मौके पर अपने अराध्य की सहायता की। आईए, आज हम आपको हनुमान जी से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताने जा रहे हैं तो बहुत कम लोगों को पता होंगी....

1. भगवान शिव के अवतार हैं हनुमान: बजरंगबली को शक्ति, भक्ति और दृढ़ता का रूप माना जाता है। मान्यता है कि वह भगवान शिव के अवतार हैं।

हनुमान जी पर चढ़ाया जाता है सिंदूर
हनुमान जी पर चढ़ाया जाता है सिंदूर

2. जब पूरे देह पर हनुमान ने लगा लिया था सिंदूर: हनुमान भगवान राम के परम भक्त थे। एक कथा के अनुसार माता सीता रोज अपनी मांग में सिंदूर लगाती थीं। ऐसा करते देख हनुमान जी ने उनसे रोज सिंदूर लगाने का कारण पूछा। इस पार माता सीता ने कहा कि यह राम के प्रति उनके प्रेम और आदर को दर्शाता है। साथ ही सीता ने कहा कि इससे उनके अराध्य का जीवन भी लंबा होगा। यह सुन हनुमान इतने प्रभावित हुए कि उन्होंने भगवान राम की लंबी उम्र और उनके प्रति अपनी भक्ति को जताने के लिए पूरा शरीर ही सिंदूर से रंग डाला। यही कारण है कि आज भी भगवान हनुमान को सिंदूर चढ़ाने की परंपरा है।

3. कैसे पड़ा 'हनुमान' नाम: संस्कृत में 'हनु' शब्द का अर्थ गाल के निचले हिस्सा यानी ठुड्डी को कहते हैं। ऐसे ही मान का मतलब 'विकृत या बिगड़ा हुआ' होता है। कथा के अनुसार एक समय जब बजरंग बली ने बचपन में सूर्य को फल समझकर निगल लिया। ऐसा होते ही पूरी दुनिया में अंधेरा छा गया। देवताओं के राजा इंद्र को जब यह मालूम हुआ तो उन्होंने बजरंग बली को कोई मायावी दैत्य समझकर उन पर अपने वज्र से प्रहार किया। बजंरग बली इस प्रहार के बाद सीधे जमीन पर गिरे और उनके जबड़ों में चोट लगी। यहीं से उन्हें हनुमान कहा जाने लगा।   

हनुमान जी के हैं 108 नाम
हनुमान जी के हैं 108 नाम

4. ब्रह्मचारी हनुमान के भी हैं एक पुत्र: यह बात तो लगभग सभी जानते हैं कि हनुमान बाल ब्रह्मचारी हैं। हालांकि, उनका एक पुत्र भी हुआ जिनका नाम मकरध्वज था। मकरध्वज का जन्म दरअसल मकर नाम की एक मछली से हुआ था। पौराणिक कथाओं के अनुसार जब हनुमान श्रीलंका को जलाने के बाद अपनी पूंछ में लगी आग और गर्मी को शांत करने के लिए समुद्र में कूदे तो उनके शरीर से निकले पसीने की कुछ बूंदे मकर नाम की एक मछली ने निगल ली। इसी से मकरध्वज का जन्म हुआ।

5. हनुमान और भीम थे भाई: महाभारत काल में जन्में पांडु पुत्र भीम भी हनुमान की तरह पवन पुत्र कहे जाते हैं। ऐसे में यह दोनों भाई हैं। महाभारत की एक कथा भी हैं जब हनुमान बीच रास्ते में लेटकर भीम का अहंकार तोड़ते हैं। कथा के अनुसार भीम कुछ फूल तोड़ने जा रहे थे तभी रास्ते में उन्हें एक सोया हुआ वानर दिखता है जिसकी पूंछ रास्ते के बीच पड़ी है। भीम यह देख उस वानर को पूंछ हटाने को कहते हैं लेकिन वानर उनकी बात अनसुनी कर देता है। यह देख क्रोधित भीम खुद ही अपने हाथ से उस पूंछ को हटाने लगते हैं लेकिन वे उसे हिला भी नहीं पाते। इसके बाद उन्हें पता चलता है कि वे जिस वानर से बहस कर रहे थे वे दरसअल हनुमान हैं। इसके बाद भीम अपनी गलती की माफी मांगते हैं।

6. हनुमान के हैं कई नाम: हनुमान के 108 नाम बताये गये हैं। इसमें आंजनेया, महावीर, हनुमत, मारुतात्मज, तत्वज्ञानप्रद,  सीतादेविमुद्राप्रदायक, अशोकवनकाच्छेत्रे , सर्वमायाविभंजन, सर्वबन्धविमोक्त्रे, रक्षोविध्वंसकारक आदि नाम शामिल हैं। 

7. जब राम ने हनुमान को दी थी मौत की सजा: यह कथा भगवान राम के अयोध्या के राजा बनने के बाद की है। एक बार नारद ऋषि ने एक आयोजन के बाद शरारत करते हुए हनुमान से कहा कि वे विश्वामित्र को छोड़ सभी ऋषियों का अभिवादन करें। हनुमान ने उनकी बात मानी और ऐसा ही किया। विश्वामित्र ने इसका बुरा नहीं माना लेकिन नारद अबकी बार विश्वामित्र के पास गये और उन्हें हनुमान के खिलाफ उकसाया। विश्वामित्र इसके बाद शिकायत करने राम के पास पहुंचे और उनसे अपने बाणों के जरिए हनुमान को मृत्यु दंड देने की मांग की। राम अपने गुरु के इस आदेश को नहीं टाल सके। अगले दिन हनुमान को सजा दी जानी थी। बहरहाल, जब तीर चलाये गये तो सभी तीर हनुमान जी के पास आने से पहले ही रूक गये। ऐसा इसलिए कि हनुमान लगातार राम-राम नाम का जप कर रहे थे। इसके बाद राम ने ब्रह्मास्त्र का भी उपयोग किया लेकिन इसके बावजूद हनुमान को कोई नुकसान नहीं हुआ। यह देख नारद को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्होंने विश्वामित्र से क्षमा मांगते हुए राम को ऐसा करने से रोकने को कहा। इस प्रकार राम नाम से हनुमान ब्रह्मास्त्र के वार से भी सुरक्षित रहे।

Web Title: Ramayan story in hindi Lord Hanuman had son Makardhwaja 7 things about bajrang bali

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