ये सच है! हनुमान जी आज भी यहां आकर देते हैं साक्षात दर्शन, आखिरी बार 2014 में आए थे, अब 2055 आएंगे

By विनीत कुमार | Published: February 15, 2020 09:07 AM2020-02-15T09:07:13+5:302020-02-15T09:07:13+5:30

हनुमान जी के बारे में कहा जाता है कि वे अमर हैं और कलयुग के आखिर तक धरती पर मौजूद होंगे। एक मान्यता के अनुसार वे श्रीलंका में मौजूद मतंग कबीले के लोगों से मिलने हर 41 साल में जाते हैं।

Ramayan Hanuman ji still comes in Sri Lanka forest and gives darshan to matang kabila | ये सच है! हनुमान जी आज भी यहां आकर देते हैं साक्षात दर्शन, आखिरी बार 2014 में आए थे, अब 2055 आएंगे

हनुमान जी श्रीलंका के एक जंगल में आज भी स्थानीय लोगों को देते हैं दर्शन

Highlightsमान्यता है कि हनुमान जी दक्षिण भारत के गंधमादन पहाड़ पर निवास करते हैं आज भी जहां रामकथा होती है, वहां एक स्थान खाली छोड़ दिया जाता है

हिंदू मान्यताओं में श्रीराम के भक्त हनुमान जी के बारे में कहा गया है कि वे अमर हैं और इस कलयुग में भी मौजूद हैं। कहते हैं कि हनुमान जी को कलयुग के अंत तक धरती पर निवास करने का वरदान है। ये भी कहा जाता है कि हनुमान जी आज भी दक्षिण भारत के गंधमादन पहाड़ पर निवास करते हैं और जहां भी रामकथा कहा जाता है, वे वहां अदृश्य रूप से पहुंच जाते हैं। 

यही कारण भी है कि जहां भी रामकथा सुनाई जाती है, वहां एक स्थान खाली छोड़ा दिया जाता है। कहते हैं कि उस खाली स्थान पर हनुमान जी आकर विराजते हैं। वैसे, एक स्थान और है जिसे लेकर कहा जाता है कि यहां हर 41 साल में हनुमान जी आकर स्थानीय लोगों को दर्शन देते हैं। 

श्रीलंका के इन 'खास' लोगों से मिलते हैं हनुमान जी

हम जिस जगह की बात कर रहे हैं वह श्रीलंका के पिडरु पहाड़ के पास स्थित है। यहां जंगलों में रहने वाले 'मतंग' कबीले के लोगों के बारे में कहा जाता है कि उन्हें भगवान हनुमान दर्शन देने आते हैं। वे हर 41 साल में यहां आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस कबीले का इतिहास रामाणय काल से जुड़ा है। 

क्यों हनुमान जी देते हैं इन्हें दर्शन

मान्यताओं के अनुसार श्रीराम के पृथ्वी छोड़ने के बाद हनुमानजी अयोध्या से दक्षिण भारत के जंगलों में चले गये थे। बाद में वे श्रीलंका चले गये जहां इस कबीले के लोगों ने उनकी खूब सेवा की। हनुमान जी ने इसके बाद इन्हें ब्रह्मज्ञान का बोध कराया। साथ ही उन्होंने आशीर्वाद दिया कि वे हर 41 साल में इस कबीले की आने वाली पीढ़ियों को ब्रह्मज्ञान देते आते रहेंगे।

'मतंग' कबीले के लोगों का दावा है कि वे विभीषण के आखिरी वंशज हैं। कुछ सालों पहले इस बारे में श्रीलंका के एक संगठन 'सेतु' ने भी दावा किया था कि वह इन लोगों पर रिसर्च कर रहे हैं और उनके उस 'लॉगबुक' का विश्लेषण कर रहे हैं जो उनकी भाषाओं, परंपरिक रिवाजों आदि के बारे में काफी कुछ बताता है। 

इस कबीले के पास 'हनुमंडल' नाम का एक खास स्थान भी है जहां हनुमान के आने पर उनकी 'चरण पूजा' की जाती है। 

ये जो तस्वीर आप देख रहे हैं उसके बारे में भी दावा किया गया था कि इसे 2014 में उस समय एक साधक द्वारा लिया गया था जब हनुमान आखिरी बार इस कबीले के लोगों से मिलने आये थे। दावे के अनुसार तस्वीर 'हनुमंडल' पर विराजे हनुमान की है। हालांकि, तस्वीर साफ नहीं है और इसकी कोई भी ठोस पुष्टि भी नहीं है।

सेतु डॉट ओआरजी वेबसाइट के अनुसार 27 मई 2014 को हनुमानजी ने मतंग कबीले के साथ आखिरी दिन बिताया था। इसके बाद अब वे 2055 में फिर से इस कबीले के लोगों से मिलने आएंगे।

Web Title: Ramayan Hanuman ji still comes in Sri Lanka forest and gives darshan to matang kabila

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