राम मंदिरः अयोध्या भेजी गई उज्जैन की मिटटी, मां शिप्रा का जल, महाकालेश्वर की भस्म
By बृजेश परमार | Published: July 28, 2020 04:27 PM2020-07-28T16:27:33+5:302020-07-28T16:29:57+5:30
अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की आधारशिला 5 अगस्त को रखी जाएगी। मंदिर की नीव में रखे जाने वाले कलश में तीर्थ नगरी उज्जैन से बाबा महाकाल की भस्म ,शिप्रा नदी का जल तथा यहां की मिट्टी भी होगी।
उज्जैन। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की आधारशिला 5 अगस्त को रखी जाएगी। मंदिर की नीव में रखे जाने वाले कलश में तीर्थ नगरी उज्जैन से बाबा महाकाल की भस्म ,शिप्रा नदी का जल तथा यहां की मिट्टी भी होगी। सोमवार को विश्व हिंदू परिषद के मालवा प्रांत के संगठन मंत्री नंदाजी दंडोतिया कार्यकर्ताओं के साथ महाकाल मंदिर पहुंचे और यहां महानिर्वाणी अखाड़े के महंत विनीत गिरी से बाबा महाकाल की भस्म ली।
विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में परंपरा अनुसार महानिर्वाणी अखाड़े के महंत ही बाबा महाकाल को भस्म चढ़ाते हैं। अखाड़े के महंत ने विधि विधान से पूजन अर्चन करने के बाद महाकाल की भस्म विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों को दी जिसे वे लेकर अयोध्या के लिए रवाना हुए। अखाड़े के महंत विनीत गिरी का कहना है कि राम मन्दिर निर्माण से कई वर्षों की प्रतीक्षा पूर्ण होने जा रही है।
विश्व हिंदू परिषद के विभाग मंत्री महेश तिवारी ने बताया कि मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या, मथुरा, माया, काशी, कांति, अवंतिका और पुरी सातों नगरी से कुछ ना कुछ भूमि का दान पहुंच रहा है। मान्यता है कि भगवान राम जब उज्जैन आए थे, जब उन्होंने भगवान शंकर की पूजा की थी। उनके नाम पर ही शिप्रा नदी के राम घाट बना हुआ है। जब उन्होंने अश्वमेघ यज्ञ किया था तब हनुमान जी शिप्रा और कोटितीर्थ का जल लेने यहां आए थे। प्रधानमंत्री मोदी सातों पुरियों की, 12 ज्योतिर्लिंग की, 51 शक्तिपीठ की मिट्टी से मंदिर निर्माण के लिए पूजन करेंगे।