Raksha Bandhan 2022 Date: 11 या 12 अगस्त, कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें पंचांग के अनुसार सही तारीख
By रुस्तम राणा | Published: August 7, 2022 02:53 PM2022-08-07T14:53:04+5:302022-08-07T14:53:04+5:30
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त, गुरुवार के दिन सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी।

Raksha Bandhan 2022 Date: 11 या 12 अगस्त, कब मनाया जाएगा रक्षाबंधन, जानें पंचांग के अनुसार सही तारीख
Raksha Bandhan 2022 Date: भाई-बहन का त्योहार रक्षाबंधन हर साल श्रावण मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। हालांकि इस बार राखी के त्योहार की तारीख को लेकर भ्रम की स्थिति है। यह त्योहार 11 अगस्त या 12 अगस्त को मनाया जाएगा, इसको लेकर कई लोगों के मन में स्पष्टता नहीं है। ऐसी स्थिति में हिंदू पंचांग के अनुसार जानते हैं कि इस बार रक्षाबंधन का त्योहार किस तारीख को मनाया जाएगा।
हिंदू पंचांग के अनुसार रक्षाबंधन की सही तारीख
हिंदू पंचांग के अनुसार, श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त, गुरुवार के दिन सुबह 10 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर उसके अगले दिन 12 अगस्त, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी। मुहूर्त शास्त्र के अनुसार, कोई भी त्योहार उदयातिथि के हिसाब से मनाया जाता है इसलिए इस बार रक्षाबंधन का पर्व 11 अगस्त को ही मनाया जाएगा।
रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त
रक्षाबंधन पर राखी बांधने के कई अबूझ मुहूर्त रहेंगे। इस दिन सुबह 11 बजकर 37 मिनट से 2 बजकर 29 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त होगा. फिर दोपहर 02 बजकर 14 मिनट से 03 बजकर 07 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा। इस दौरान आप कोई भी शुभ मुहूर्त देखकर भाई को राखी बांध सकते हैं।
रक्षाबंधन पर आरती की थाली ऐसे करें तैयार
रक्षाबंधन पर थाली में चंदन जरूर रखना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चंदन को बेहद पवित्र माना गया है। चंदन के साथ ही थाली में रोली, अक्षत्, दही आदि भी रखें। रोली अक्षत् के तिलक से नकारात्मक शक्तियों का अंत होता है। रक्षाबंधन के शुभ अवसर पर थाली में दीपक जरूर जलाएं। इससे भाई बहन का प्रेम पवित्र बना रहता है। इसके अलावा मुंह मीठा कराने के लिए थाली में मिठाई का होना भी जरूरी है।
रक्षाबंध का महत्व
धार्मिक मान्यता है कि सबसे पहले देवी लक्ष्मी ने राजा बली को राखी बांधकर अपना भाई बना लिया था। इस दिन बहनें अपने भाई की कलाई में रक्षासूत्र बांधकर उनके सुखी जीवन की कामना करती हैं। वहीं भाई इस रक्षा सूत्र का धर्म निभाते हुए बहन की रक्षा का संकल्प लेते हैं।