राधा अष्टमी 2020: बरसाना में सादगी से मनाया गया राधारानी का जन्म महोत्सव
By गुणातीत ओझा | Published: August 26, 2020 05:27 PM2020-08-26T17:27:45+5:302020-08-26T17:27:45+5:30
भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की परम प्रतीक राधारानी का जन्मोत्सव बुधवार को ब्रज क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ बरसाना में ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित लाड़िली जी विख्यात मंदिर में सादगी से मनाया गया।
मथुरा। भगवान श्रीकृष्ण के प्रेम की परम प्रतीक राधारानी का जन्मोत्सव बुधवार को ब्रज क्षेत्र के प्रसिद्ध तीर्थ बरसाना में ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित लाड़िली जी विख्यात मंदिर में कोरोना वायरस के चलते फैली महामारी के कारण सादगी से मनाया गया जन्मोत्सव में मंदिर में सेवा करने गोस्वामी एवं वहां तैनात सुरक्षाकर्मी ही उपस्थित थे। बाहरी श्रद्धालुओं के लिए मंदिर में प्रवेश पर प्रतिबंध लागू है।
ब्रजाचार्य पीठाधीश्वर कृष्णाचार्य भट्ट ने बताया, ‘बुधवार को सुबह चार बजे ब्रह्म मुहूर्त में राधारानी के विग्रह का विधि-विधान पूर्वक अभिषेक किया गया।’’ उन्होंने बताया, ‘वृषभानु नंदिनी ने भादो मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को अनुराधा तथा मूल नक्षत्र में जन्म लिया था।’’ बुधवार तड़के मंदिर में सेवा करने वाले गोस्वामी समाज के पुजारियों ने दूध, दही, शहद, बूरा, इत्र, घी, गुलाब जल, गोघृत, पंच मेवा, पंच नवरत्न, केसर आदि से श्रीजी के श्रीविग्रह का अभिषेक किया गया। राधारानी का जन्मस्थान माने जाने वाले बलदेव क्षेत्र के एक और गांव रावल में भी राधारानी के मंदिर में अभिषेक किया गया।
राधा अष्टमी व्रत का महत्व
राधा अष्टमी का व्रत करने से सभी पापों का नाश होता है। राधा अष्टमी का व्रत महिलाएं रखती हैं। राधा रानी उनको अखंड सौभाग्य का आशीर्वाद देती हैं। साथ ही घर परिवार में सुख-समृद्धि और शांति रहती है तथा नि:संतानों को संतान सुख प्राप्त होता है। इस दिन व्रत रहने से घर में लक्ष्मी का वास होता है। सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन सुखमय हो जाता है।