Pradosh and Shivratri In September: इस हफ्ते प्रदोष और शिवरात्रि व्रत, जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 23, 2019 08:30 AM2019-09-23T08:30:43+5:302019-09-23T08:30:43+5:30
Pradosh Vrart: प्रदोष व्रत को लेकर तिथियों और शुभ मुहूर्त की बात करें तो त्रोयदशी तिथि का आरंभ 26 सितंबर को दिन में 11.02 बजे से हो रहा है। इसके अगले दिन शिवरात्रि का व्रत होगा।
अश्विन मास का पहला प्रदोष व्रत (तेरस, कृष्ण पक्ष) इस बार 26 सितंबर को पड़ रहा है। यह गुरुवार का दिन होगा। वहीं, मासिक शिवरात्रि इसके ठीक अगले दिन यानी 27 सितंबर को होगा। यह दोनों व्रत भगवान शिव को समर्पित हैं। प्रदोष व्रत हर महीने के दोनों पक्षों में एक-एक बार आता है। इसे हर महीने के दोनों पक्षों के त्रयोदशी (13वें दिन) को किया जाता है।
ऐसे में जिस दिन भी प्रदोष व्रत होते हैं, उसकी महिमा अलग होती है। सभी का महत्व और लाभ भी अलग-अलग होता है। इस प्रकार से हर दिन का प्रदोष शुभ है लेकिन कुछ विशेष दिन बेहद शुभ और लाभदायी माने जाते हैं। इसमें सोमवार को आने वाले प्रदोष, मंगलवार को आने वाले भौम प्रदोष और शनिवार को पड़ने वाले शनि प्रदोष का महत्व अधिक है। 26 सितंबर के बाद अगला प्रदोष व्रत 11 अक्टूबर को पड़ेगा।
Pradosh Vrart: प्रदोष व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त
प्रदोष व्रत को लेकर तिथियों और शुभ मुहूर्त की बात करें तो त्रोयदशी तिथि का आरंभ 26 सितंबर को दिन में 11.02 बजे से हो रहा है और यह 27 तारीख को सुबह 7.32 बजे तक रहेगा। इस दौरान भगवान शिव की उपासना की जा सकती है। शाम के प्रदोष पूजा की शुभ मुहूर्त की बात करें तो यह 6.16 बजे से रात के 8.41 बजे तक का होगा।
प्रदोष व्रत के दिन घर की साफ-सफाई सहित स्नान आदि कर भगवान शिव की पूजा की तैयारी शुरू करें। पूजा के लिए भगवान शिव के मंदिर जाएं या फिर घर पर ही पूजा करें और दिन भर उपवास रखें।
प्रदोष व्रत की विशेष पूजा शाम को की जाती है। इसलिए शाम को सूर्य अस्त होने से पहले एक बार फिर स्नान आदि करें। एक थाल में मिट्टी से शिवलिंग बनाये और विधिवत पूजा करने के बाद उनका विसर्जन करें। भगवान शिव की पूजा में बेल पत्र, धतुरा, फूल, मिठाई, फल आदि का उपयोग अवश्य करें। भगवान पर लाल रंग का फूल नहीं चढ़ाना चाहिए।
मासिक शिवरात्रि का भी व्रत
प्रदोष के ठीक बाद मासिक शिवरात्रि का व्रत है। शिवरात्रि हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। सावन और फाल्गुन में पड़ने वाले शिवरात्रि का विशेष महत्व होता है लेकिन मान्यता है कि हर महीने शिवरात्रि का पूजन करने से भगवान शिव की कृपा हमेशा बनी रहती है। इस बार चतुर्दशी तिथि 27 सितंबर को सुबह 7.32 के बाद शुरू हो रही है और इसका समापन 28 तारीख को तड़के 3.46 बजे होगा। शिवरात्रि पर रात में पूजा का विशेष महत्व है। इस बार मासिक शिवरात्रि पर पूजा का मुहूर्त रात 11.53 बजे से 12.42 बजे तक का है।