पूजा-पाठ करते समय नहीं करेंगे ये गलतियां तो घर में होगी सुख-समृद्धि की 'बरसात'
By रामदीप मिश्रा | Published: January 11, 2019 03:13 PM2019-01-11T15:13:40+5:302019-01-11T15:54:51+5:30
कई बार पूजा करते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं, जिसका लोगों को डर रहता है कि कहीं उनके साथ कोई गड़बड़ न हो जाए। ऐसे में उन्हें पहले से सचेत रहना चाहिए और देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करनी चाहिए।
अधिकांश हिन्दू घरों में रोज नियम से पूजा-पाठ किया जाता है और वह अपने घरों में भगवान को एकांत में जगह देते हैं, जहां कोई चीज अपवित्र न पहुंचे। वहीं, धार्मिक मान्यताएं भी हैं कि देवी-देवताओं के पूजा पाठ की विधिवत परंपरा है। लेकिन, कई बार पूजा करते समय कुछ गलतियां हो जाती हैं, जिसका लोगों को डर रहता है कि कहीं उनके साथ कोई गड़बड़ न हो जाए। ऐसे में उन्हें पहले से सचेत रहना चाहिए और देवी-देवताओं की विधिवत पूजा करनी चाहिए, जिससे उन्हें किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े और घर में सुख-शांति आए।
पंचदेवों की पूजा करना न भूलें
अगर आप नियमित पूजा पाठ करते हैं तो पंचदेवों की पूजा करना न भूलें। ये पंचदेव सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु हैं। इनकी हमेशा कोई शुभ कार्य शुरू करने से पहले पूजा की जाती है ताकि कोई काम सफलता पूर्वक पूरा हो सके। वहीं कहा जाता है कि इनकी पूजा करने से लक्ष्मी मां खुश होती हैं और उनकी कृपा से घर में सुख-शांति और समृध्दि प्राप्त होती है।
इन देवताओं पर न चढ़ाएं तुलसी दल
शिवजी, गणेशजी और भैरवजी जी की पूजा करने वाले लोगों को विशेष ध्यान रखने की जरूरत होती है कि वे इन देवताओं के ऊपर तुलसी दल नहीं चढ़ाएं। अक्सर लोग पूजा करते समय सभी देवी-देवताओं के ऊपर पुष्पों के साथ तुलसी दल भी चढ़ा देते हैं। ऐसे में इस बात का ध्यान रखना जरूरी होता है कि शिवजी, गणेशजी और भैरवजी पर तुलसी दल नहीं चढ़ाए जाते हैं। वहीं, दुर्गा मां की पूजा करते समय दूब नहीं चढ़ानी चाहिए।
सूर्य देव ऐसे न दें करें जल अर्पण
आप हमेशा स्नान करने के बाद सूर्य देव को जल अर्पण करते हैं। ऐसे में ध्यान देने की जरूरत होती है कि कभी भी शंख के जल से अर्घ्य नहीं देना चाहिए। अगर हो सके तो तांबे के कलस से जल अर्पित करना करें। वहीं, आपके घर में तुलसी माता हैं तो उनके दल को स्नान करने के बाद ही तोड़ें। बिना स्नान किए तुलसी दल नहीं तोड़ना चाहिए। अगर आप ऐसा करते हैं तो भगवान आपकी पूजा को स्वीकार नहीं करते हैं।
ऐसी अवस्था में न बजाएं शंख
हिन्दू धर्म में पूजा-पाठ के समय शंख बजाया जाता है। लेकिन, ध्यान रहे कि शंख बहुत पवित्र होता है इस वजह से स्नान करने के बाद ही बजाएं। साथ ही साथ स्त्रियों को शंख नहीं बजाना चाहिए। अगर ऐसी स्थिति में कोई शंख बजाता है तो वहां से लक्ष्मी चली जाती है और पूजा स्वीकार मानी जाती है। इसके अलावा पूजा करने के बाद दक्षिणा अवश्य चढ़ानी चाहिए।