Poila Baisakh 2020: बंगाली नववर्ष पोइला बैशाख आज, भगवान गणेश के साथ इस देवी की होगी पूजा

By मेघना वर्मा | Published: April 14, 2020 08:47 AM2020-04-14T08:47:45+5:302020-04-14T09:23:37+5:30

नए साल में बंगाल में मेले का आयोजन भी होता है। हलांकि इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा होना संभव और उचित दोनों नहीं हैं।

Poila Baisakh, Bengali New Year 2020 subho noboborsho 2020 know the history and significance | Poila Baisakh 2020: बंगाली नववर्ष पोइला बैशाख आज, भगवान गणेश के साथ इस देवी की होगी पूजा

Poila Baisakh 2020: बंगाली नववर्ष पोइला बैशाख आज, भगवान गणेश के साथ इस देवी की होगी पूजा

Highlightsनए साल पर बंगाली समुदाय एक-दूसरे को नए साल की मुबारकबाद शुभो नोबो बोरसो बोलकर देते हैं।पोइला बैशाख का दिन बंगाली समुदाय के घरों में बड़ी धूम से मनाया जाता है।

भारत देश विविधताओं का देश हैं। यहां हर जाति और धर्म की अपनी अलग मान्यताएं और अपनी अलग विशेषता है। इसी परंपरा के बीच आज बंगाली समुदाय नया साल मनाएगा। आज यानी 14 अप्रैल से बंगाली नववर्ष शुरू हो रहा है जिसे पोइला बैशाख कहा जाता है। ये वैसाख माह का पहला दिन होता है। 

इस नए साल पर बंगाली समुदाय एक-दूसरे को नए साल की मुबारकबाद शुभो नोबो बोरसो बोलकर देते हैं।  बंगाल में वैसाख के महीने को शुभ माना जाता है। इसलिए इसी से बंगाली समुदाय नए वर्ष की शुरूआत करता है। 

नए लेखा-जोखे की शुरुआत

पोइला बैशाख का दिन बंगाली समुदाय के घरों में बड़ी धूम से मनाया जाता है। लोग अपने घरों की सफाई करते हैं। इसी दिन से व्यापारी अपने लिए नए लेखा-जोखा और बही खाता भी शुरू करते हैं। घर में सुबह पूजा करने के बाद स्वादिष्ट पकवान भी बनाए जाते हैं। माना जाता है कि इस दिन परिवार में साथ पूजा करने से समृद्धि और सुख आता है। 

गाय की होती है पूजा

बंगाली नए वर्ष के दिन गाय की पूजा भी की जाती है। मंदिर जाकर बड़ों का आशीर्वाद लेना शुभ माना जाता है। वहीं लोग इस दिन गाय को स्नान करा के उनका तिलक लगाते हैं और उनकी पूजा करके उन्हें भोग चढ़ाते हैं। गाय का पांव छूकर उनसे आशीर्वाद मांगा जाता है। 

पीली साड़ी में महिलाएं

इस नए साल में बंगाली समुदाय के बीच खासकर बंगाल में मेले का आयोजन भी होता है। हलांकि इस बार लॉकडाउन के चलते ऐसा होना संभव और उचित दोनों नहीं हैं। इस आयोजन में या इस नये वर्ष के दिन बंगाली समुदाय की महिलाएं पीली साड़ी में और पुरुष धोती कुर्ता (पारंपरिक परिधान) धारण करते हैं। इस दिन पुआल जलाने का भी रिवाज है। लोग इस पुआल में अपने गुजरे साल के कष्टों की आहुति देते हैं। 

भगवान गणेश के साथ मां लक्ष्मी की पूजा

बंगाली लोग इस दौरान भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की पूजा करते हैं। अच्छी बारिश के लिए बादलों की भी पूजा की जाती है। साथ ही नाश्ते में प्याज, हरी मिर्च और फ्राईड हिल्सा फिश के साथ पान्ता भात बनाया जाता है।

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