5 अप्रैल रात 9 बजे पीएम नरेन्द्र मोदी ने की दीया जलाने की अपील, जानिए दीया जलाने का धार्मिक और वैज्ञानिक कारण
By मेघना वर्मा | Published: April 4, 2020 12:41 PM2020-04-04T12:41:25+5:302020-04-04T12:41:25+5:30
पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोगों से अपील की है इस रविवार यानी पांच अप्रैल को लोग इस सोशल डिस्टेंसिंग को मनाते हुए अपने घर की बालकनी या आपने घरों के बाहर दीया, कैंडिल या टॉर्च की रोशनी जलाएं।
चीन से आया घातक कोरोना वायरस देश में अपनी जड़े तेजी से फैलाता जा रहा है। इसीलिए देश में इन दिनों लॉकडाउन लगा दिया गया है। वहीं पीएम नरेन्द्र मोदी ने लोगों से अपील की है इस रविवार यानी पांच अप्रैल को लोग इस सोशल डिस्टेंसिंग को मनाते हुए अपने घर की बालकनी या आपने घरों के बाहर दीया, कैंडिल या टॉर्च की रोशनी जलाएं।
पीएम मोदी ने लोगों से अपील की है कि लोग पांच अप्रैल को रात 9 बजे अपने-अपने घर की बालकनी या घर के बाहर दीया या कैंडिल जरूर जलाएं। कोरोना वायरस से लड़ने का संकल्प लेते हुए एक साथ 130 करोड़ देशवासियों को एक साथ जोड़ने के लिए ये कदम उठाया जा रहा है।
पीएम मोदी ने भले ही लोगों से दीया जलाने की अपील की हो मगर क्या आप जानते हैं कि हिन्दू धर्म में दीया का बहुत ज्यादा महत्व बताया जाता है। आइए आपको बताते हैं भारत में क्या रहा है दीपक या दीये का इतिहास और इसे जलाने का क्या है धार्मिक और वैज्ञानिक कारण।
5 हजार साल पुराना है दीपों का इतिहास
भारत देश में दीपक का इतिहास प्रमाणिक रूप से 5 हजार साल पुराना मिलता है। दीये में जलने वाली अग्नि का हिन्दू धर्म में काफी महत्व बताया गया है। वेदों में अग्नि को प्रत्यक्ष देवाता का रूप माना गया है। इसलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले हम दीया जलाते हैं।
दीया जलाने का धार्मिक कारण
दीपक की रोशनी को ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। दीपक की रोशनी को सकारात्मकता या पॉजिटिविटी का संकेत मानते हैं। माना जाता है कि दीपक जलाने से अज्ञान खत्म होता है और अंधकार मिटता है। घर की पूजा में दीया जलाने का महत्व सदियों से चला आ रहा है। किसी भी सात्विक पूजा को पूरा करना के लिए घर में दीपक जलाया जाता है।
क्या है वैज्ञानिक कारण
घर में घी का दीया जलाने से रोगाणु घर से बाहर जाते हैं। घी के अग्नि के संपर्क में आते हैं तो वातारण पवित्र और स्वच्छ होता है। इससे प्रदूषण बी दूर होता है। दीपक जलाने से पूरे घर को फायदा मिलता है फिर चाहे वो पूजा में सम्मलित हों या ना हों। आग में कोई भी चीज जलने पर खत्म नहीं होती बल्कि छोटे-छोटे अणु के रूप में हवा में फैल जाती हैं। इसलिए घी का दीया जलाना हमारे वातारवरण को शुद्ध करता है।