Shradh Date 2019: पितृपक्ष से पहले आज ऋषि तर्पण और श्राद्ध, पूरे भारत में इन तीन जगहों की है सबसे ज्यादा महिमा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 13, 2019 07:31 AM2019-09-13T07:31:09+5:302019-09-13T07:31:09+5:30
Pitru Paksha 2019: पितृपक्ष 28 सितंबर को समाप्त होगा। मान्यता है कि इन दिनों में पू्र्वज धरती पर आते हैं। भारत में पिंडदान और श्राद्ध के लिए हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, गंगासागर चित्रकूट सहित 55 स्थानों को महत्वपूर्ण माना गया है।
Pitru Paksha 2019: पितृ पक्ष की शुरुआत इस बार 14 सितंबर से हो रही है। वहीं, आज यानी भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा (13 सितंबर) को ऋषि तर्पण और श्राद्ध है। इसके बाद कल से पूरे देश में पितृपक्ष की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। इसके तहत अगले 15 दिनों में पितरों की पूजा और पिंडदान की विशेष मान्यता है।
पितृपक्ष 28 सितंबर को समाप्त होगा। मान्यता है कि इन दिनों में पू्र्वज धरती पर आते हैं। जिन परिवार के लोग पितृपक्ष के दौरान पितरों के नाम से अन्न-जल दान नहीं करते, या श्राद्ध कर्म आदि नहीं करते उनके पितर भूखे-प्यास धरती से लौट जाते हैं। साथ ही इससे परिवार को पितृ दोष भी लगता है।
Pitru Paksha 2019: पितृपक्ष के लिए भारत में सबसे विशेष जगह
भारत में पिंडदान और श्राद्ध के लिए हरिद्वार, कुरुक्षेत्र, गंगासागर चित्रकूट सहित 55 स्थानों को महत्वपूर्ण माना गया है। मान्यता है कि इन जगहों पर पिंडदान से पितरों को मुक्ति मिलती है। शास्त्रों के मुताबिक हालांकि तीन ऐसे जगह हैं जिन्हें पिंडदान के लिए सबसे विशेष माना गया है। इनमें से बद्रीनाथ अहम है।
बद्रीनाथ के पास ब्रह्मकपाल सिद्ध क्षेत्र में पितृदोष से मुक्ति के लिए तर्पण करना चाहिए। इसके अलावा हरिद्वार में नारायणी शीला के पास भी लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करते हैं। वहीं, तीसरी अहम जगह गया है। बिहार में स्थित गया जिले में देश-विदेश से लोग पिंडदान के लिए आते हैं।
Pitru Paksha 2019: श्राद्ध की महत्वपूर्ण तिथियां
13 सितंबर- पूर्णिमा श्राद्ध
14 सितंबर- प्रतिपदा श्राद्ध
15 सितंबर- द्वितीय श्राद्ध
17 सितंबर- तृतीया श्राद्ध
18 सितंबर- चतुर्थी श्राद्ध
19 सितंबर- पंचमी श्राद्ध
20 सितंबर- षष्ठी श्राद्ध
21 सितंबर- सप्तमी श्राद्ध
22 सितंबर- अष्टमी श्राद्ध
23 सितंबर- नवमी श्राद्ध
24 सितंबर- दशमी श्राद्ध
25 सितंबर- एकादशी श्राद्ध/द्वादशी श्राद्ध/वैष्णव जनों का श्राद्ध
26 सितंबर- त्रयोदशी श्राद्ध
27 सितंबर- चतुर्दशी श्राद्ध
28 सितंबर- अमावस्या श्राद्ध, अज्ञात तिथि पितृ श्राद्ध, पितृविसर्जन महालय समाप्ति
इस बार 14 सितंबर को प्रतिपदा और 15 को द्वितीया का श्राद्ध होगा। 28 सितम्बर को सर्व पितृ अमावस्या का श्राद्ध होगा। वहीं, 16 को मध्याह्न तिथि न मिलने के कारण श्राद्ध नहीं होगा। इसलिए इस तारीख को श्राद्ध नहीं करें।