पितृ पक्ष 2018: श्राद्ध से पितरों की होने लगी थी तबीयत खराब, कुछ इस तहर शुरू हुई थी पितृ पक्ष की परम्परा

By मेघना वर्मा | Published: September 25, 2018 09:14 AM2018-09-25T09:14:04+5:302018-09-25T09:21:44+5:30

Pitru Paksha Shradh 2018 (पितृ पक्ष): श्राद्ध के समय भोजन करवाने से बहुत से पितर बीमार होने लगे थे।

Pitru Paksha (Shradh) 2018: history of pitru paksha and who did the first shradh in india hindi | पितृ पक्ष 2018: श्राद्ध से पितरों की होने लगी थी तबीयत खराब, कुछ इस तहर शुरू हुई थी पितृ पक्ष की परम्परा

पितृ पक्ष 2018: श्राद्ध से पितरों की होने लगी थी तबीयत खराब, कुछ इस तहर शुरू हुई थी पितृ पक्ष की परम्परा

हिन्दू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण पितृ पक्ष की शुरूआत आज यानी 25 सितंबर से हो गई है। आज से लोग अपने पितरों के आत्मा के तर्पण और शांति के लिए लोग श्राद्ध करेंगे। आपने भी आज तक लोगों को श्राद्ध करते सुना या देखा होगा मगर क्या कभी इस बात पर गौर किया है कि इस पितृ पक्ष में श्राद्ध करने की परम्परा को किसने शुरू किया होगा? क्या कभी ये सोचा है कि भारतवर्ष में सबसे पहला श्राद्ध किसने किया होगा? आज हम आपको बता रहे हैं श्राद्ध की इसी परंपरा के बारे में। आप भी जानिए कब और कैसे शुरू हुई पितृ पक्ष की ये परंपरा। 

महर्षि निमि ने दिया था सबसे पहला श्राद्ध

प्राचीन भारत को देखे तो मान्यता है कि सबसे पहला श्राद्ध महर्षि निमि ने किया था। महाभारत के अनुसार इस श्राद्ध से पहले श्राद्ध का पहला उपदेश अत्रि मुनि ने दिया था। इसी उपदेश के बाद महर्षि निमि ने अपने पितरों का सबसे पहला श्राद्ध किया था। महर्षि ने सबसे पहले अपने पितरों को अन्न का भोग लगाया था। बस इसके बाद श्राद्ध की परंपरा यूं ही आगे बढ़ती चली गई। निमि के बाद सभी ऋषि मुनि श्राद्ध की परंपरा शुरू हो गई। 

बिमार होने लग थे पितर

जब सभी जना लोग अपने पितरों का श्राद्ध करने लगे और अपने पितरों को भोजन करवाने लगे तो बहुत ज्यादा भोग से पितरों का पेट खराब होने लगे। तब सारे पितरे अपनी समस्या लेकर ब्रह्माजी के पास पहुंचे। ब्रह्माजी ने उनसे अग्नि देवता से मदद लेने को कहा। तब अग्नि देवता ने कहा कि अब से जो भी श्राद्ध होगा उसमें हम सब साथ में भोजन ग्रहण करेंगे। जिसके बाद से ही किसी भी श्राद्ध में अग्नि देवता को सबसे पहला भोजन दिया जाता है फिर पितरों को भोग लगाया जाता है। 

श्राद्ध करते समय इन मंत्रों का करें जाप

पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्राचीन काल से ही लोग श्राद्ध को करते आए हैं। पूरी विधि विधान से पूजा, अर्चन करने के बाद अपने पितरों की आत्मा को शांति के लिए प्रार्थना करते हैं। शास्त्रों में श्राद्ध की ये विधि बताई गई है। जिसका भी पिंडदान आप दे रहे हैं उस समय ध्यान लगाकर गायत्री मंत्र का जाप तथा सोमाय पितृमते स्वाहा का जाप जरूर करें। 

English summary :
Pitru Paksha Shradh Puja 2018: The beginning of the pitru paksh month of Hindu religion has been started today ie 25th September. From today people will start shradh puja for their ancestors and wishes peace of the soul. You have even heard or seen people will start shradh puja till today, but have ever noticed that who would have started the ritual of shradh puja?


Web Title: Pitru Paksha (Shradh) 2018: history of pitru paksha and who did the first shradh in india hindi

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