Pishach Mochan Shradh 2019: कब है पिशाचमोचन श्राद्ध, यहां करें अपने पितरों का पिंडदान-मिलेगी आत्मा को मुक्ति

By मेघना वर्मा | Published: December 5, 2019 02:45 PM2019-12-05T14:45:38+5:302019-12-05T14:45:38+5:30

जिन लोगों के पूर्वजों की मौत किसी आकस्मिक दुर्घटना या गैर-प्राकृतिक तरीके से हुई हो, उन्हें पिशाचमोचन श्राद्ध पर अपने पूर्वजों की आत्मी की शांति के लिए प्रयास करना चाहिए।

Pishach Mochan Shradh 2019: know the date, importance and significane in hindi | Pishach Mochan Shradh 2019: कब है पिशाचमोचन श्राद्ध, यहां करें अपने पितरों का पिंडदान-मिलेगी आत्मा को मुक्ति

Pishach Mochan Shradh 2019: कब है पिशाचमोचन श्राद्ध, यहां करें अपने पितरों का पिंडदान-मिलेगी आत्मा को मुक्ति

Highlightsमार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाली पिशाचमोचन श्राद्ध पर भी लोग अपने पितरों का पिंडदान करते हैं। काशी के अस्सी घाट, दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और राजघाट पर भी बड़ी संख्या में लोग पिंडदान करने आते हैं।

हिन्दू धर्म में व्यक्ति के जन्म के बाद उसके मृत्यु को जीवन का एक चरण बताया गया है। वहीं हिन्दू धर्म में मृत्यु के बाद दाह संस्कार और श्राद्ध को भी महत्वपूर्ण बताया जाता है। लोग पितृ पक्ष में लोग अपने पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं। माना जाता है कि मृत्यु के बाद लोगों का श्राद्ध करना जरूरी होता है। 

वहीं मार्गशीर्ष महीने में पड़ने वाली पिशाचमोचन श्राद्ध पर भी लोग अपने पितरों का पिंडदान करते हैं। कहते हैं कि जिन लोगों की मृत्यु अकाल होती है उनका श्राद्ध पिशाचमोचन श्राद्ध वाले दिन करने से उन्हें मुक्ति मिलती है। इस साल पिशाचमोचन श्राद्ध दस दिसंबर को पड़ रही है।

वाराणसी के घाट पर स्थित पिशाचमोचन श्राद्ध घाट पर लोग श्राद्ध करने हर साल आते हैं। माना जाता है कि जिन लोगों के पूर्वजों की मौत किसी आकस्मिक दुर्घटना या गैर-प्राकृतिक तरीके से हुई हो, उन्हें पिशाचमोचन श्राद्ध पर अपने पूर्वजों की आत्मी की शांति के लिए प्रयास करना चाहिए। पिशाचमोचन श्राद्ध कै दौरान काशी के पिशाचमोचन कुंड पर पिंडदान का महत्व बताया जाता है। 

पिशाचमोचन तीर्थ पर चार प्रकार से श्राद्ध कराए जाते हैं। अकाल मृत्यु को प्राप्त करने वाले व्यक्ति के लिए नारायण बलि और त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है। वहीं समान्य मृत्यु को प्राप्त करने वाले वयक्ति के निमित्ति पारवण और तिथि श्राद्ध को किया जाता है। 

हर साल हजारों की संख्या में पिशाचमोचन तीर्थ में लोग अपने पूर्वजों का पिंडदान करने आते हैं। काशी के अस्सी घाट, दशाश्वमेध, मणिकर्णिका और राजघाट पर भी बड़ी संख्या में लोग पिंडदान करने आते हैं। खास बात ये है कि सिर्फ देशी ही नहीं कई विदेशी भी काशी में पिंडदान करने आते हैं। 

Web Title: Pishach Mochan Shradh 2019: know the date, importance and significane in hindi

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