Paush Purnima 2021 Date: पौष पूर्णिमा तिथि कल, बन रहा है खास योग, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 16, 2022 01:59 PM2022-01-16T13:59:17+5:302022-01-16T13:59:17+5:30
इस बार पौष पूर्णिमा के दिन शुभ योग भी बन रहा है। हिन्दू पंजाग के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग निर्मित हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 04:37 बजे से अगले दिन 18 जनवरी को प्रात: 07:15 बजे तक है।
पौष माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली पूर्णिमा तिथि को पौष पूर्णिमा कहते हैं। इस साल 17 जनवरी, सोमवार को यह तिथि पड़ रही है। हिंदू धर्म के लोगों के लिए पौष माह के पूर्णिमा का बेहद खास महत्व है। पूर्णिमा की तिथि चंद्रमा को प्रिय होती है और इस दिन चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है। हिंदू ग्रंथों में पौष पूर्णिमा के दिन दान, स्नान और सूर्य देव को अर्घ्य देने का भी विशेष महत्व बताया गया है। पौष पूर्णिमा पर चंद्र देव, मां लक्ष्मी और भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है। इस दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार में गंगा स्नान करना बेहद शुभ बताया जाता है। इस दिन पुण्य प्राप्त करने के लिए लोग व्रत रखते हैं।
पौष पूर्णिमा के दिन बन रहा है सर्वार्थ सिद्धि योग
इस बार पौष पूर्णिमा के दिन शुभ योग भी बन रहा है। हिन्दू पंजाग के अनुसार, पौष पूर्णिमा के दिन सर्वार्थ सिद्धि योग निर्मित हो रहा है। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग प्रात: 04:37 बजे से अगले दिन 18 जनवरी को प्रात: 07:15 बजे तक है। कहते हैं कि यह शुभ योग मनचाहा वरदान और तरक्की दिलाता है। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक, सर्वार्थ सिद्धि योग में किया गया कोई भी कार्य फलकारी और पूर्ण रूप से सफल होता है।
पौष पूर्णिमा तिथि का मुहूर्त
पूर्णिमा तिथि 17 जनवरी दिन सोमवार को तड़के 03 बजकर 18 मिनट से प्रारंभ होकर 18 जनवरी दिन मंगलवार को प्रात: 05 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।
पौष पूर्णिमा व्रत और पूजा विधि
पौष पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करने से पहले व्रत का संकल्प लें।
इसके बाद पवित्र नदी या कुण्ड में स्नान करें।
स्नान से पूर्व वरुण देव को प्रणाम करें।
स्नान के पश्चात सूर्य मंत्र का उच्चारण करते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देना चाहिए।
स्नान से करने के बाद भगवान मधुसूदन की पूजा करनी चाहिए।
इसके बाद किसी जरुरतमंद व्यक्ति या ब्राह्मण को भोजन कराकर दान-दक्षिणा दें।
दान में तिल, गुड़, कंबल और ऊनी वस्त्र विशेष रूप से दें।
पौष पूर्णिमा का महत्व
हिंदू धर्म से जुड़ी मान्यता के अनुसार, पौष सूर्य देव का माह कहलाता है। मान्यता है कि इस मास में सूर्य देव की आराधना से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है. इसलिए पौष पूर्णिमा के दिन पवित्र नदियों में पूजन से मनोकामनाएं पूर्ण होती है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।