Parashurama Jayanti 2020: कब है परशुराम जयंती? अपनी ही माता का काट दिया था सिर-पढ़ें उनसे जुड़े ये रोचक कथा

By मेघना वर्मा | Published: April 17, 2020 12:48 PM2020-04-17T12:48:43+5:302020-04-17T12:48:43+5:30

भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम का उद्देश्य पापी, विनाशकारी और अधार्मिक राजाओं को भगाकर पृथ्वी के भार को दूर करना है

Parashurama Jayanti 2020: when is Parashurama Jayanti, know the date, significanec and old story about Parashurama | Parashurama Jayanti 2020: कब है परशुराम जयंती? अपनी ही माता का काट दिया था सिर-पढ़ें उनसे जुड़े ये रोचक कथा

Parashurama Jayanti 2020: कब है परशुराम जयंती? अपनी ही माता का काट दिया था सिर-पढ़ें उनसे जुड़े ये रोचक कथा

Highlightsपौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था। हिंदू मान्यता के अनुसार अन्य सभी अवतारों के विपरीत परशुराम अभी भी पृथ्वी पर रहते हैं।

परशुराम को भगवान विष्णु के छठे अवतार के रूप में पूजा जाता है। माना जाता है कि उनका जन्म वैशाख माह में शुक्ल पक्ष तृतीया के दौरान पड़ता है। ऐसा भी माना जाता है कि परशुराम का जन्म प्रदोष काल के दौरान हुआ था। इसीलिए जिस दिन प्रदोष काल के दौरान तृतीया पड़ती है, उसे परशुराम जयंती के रूप में मनाया जाता है।

पूर्वी उत्तर भारत में पूरे धूम-धाम के साथ परशुराम जयंती मनाई जाती है। नगर में परशुराम की झांकियां निकाली जाती हैं। मगर इस बार लॉकडाउन के चलते लोग अपने घरों में भी भगवान परशुराम की जयंती को मनाएंगें। इस साल कोरोना ने परशुराम जयंती का रंग फीका पड़ेगा।

 भगवान विष्णु के छठे अवतार का उद्देश्य पापी, विनाशकारी और अधार्मिक राजाओं को भगाकर पृथ्वी के भार को दूर करना है जिन्होंने इसके संसाधनों को नष्ट कर दिया और राजाओं के रूप में अपने कर्तव्यों की उपेक्षा की।

हिंदू मान्यता के अनुसार अन्य सभी अवतारों के विपरीत परशुराम अभी भी पृथ्वी पर रहते हैं। इसलिए, राम और कृष्ण के विपरीत, परशुराम की पूजा नहीं की जाती है। दक्षिण भारत में, उडुपी के पास पवित्र स्थान पजाका में, एक प्रमुख मंदिर मौजूद है जो परशुराम का स्मरण कराता है। भारत के पश्चिमी तट पर कई ऐसे मंदिर हैं जो भगवान परशुराम को समर्पित हैं।

कब है परशुराम जयंती

इस साल परशुराम जयंती 26 अप्रैल को पड़ रही है। हिन्दू पंचाग के अनुसार, ये हर साल अक्षय तृतीया के दिन होती है। इस साल भी 26 अप्रैल को अक्षय तृतीया है इसी दिन परशुराम जयंती भी है। 

पिता की आज्ञा से काट दिया था माता का सिर

पौराणिक कथा के अनुसार भगवान परशुराम का जन्म ब्राह्मण कुल में हुआ था। वो ऋषि जमदग्नि और माता रेणुका के पुत्र थे। ऋषि जमदग्नि को सप्त ऋषि कहा जाता था। भगवान परशुराम अति देजस्वी, ओजस्वी और पराक्रमी थे।  

बताया जाता है कि एक बार अपनी पिता की आज्ञा पर उन्होंने अपनी माता का सिर काट दिया था। इसके बाद मां को पुन जीवित करने के लिए भी उन्होंने पिता से वरदान मांगा था। महाभारत के अनुसार महाराज शांतनु के पुत्र भीष्म ने भगवान परशुराम से ही अस्त्र-शस्त्र की विद्या प्राप्त की थी। 

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