Panchak March 2021: महाशिवरात्रि पर पंचक भी लग रहा है इस बार, भूलकर भी नहीं करने चाहिए ये काम
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 8, 2021 02:41 PM2021-03-08T14:41:19+5:302021-03-08T14:41:19+5:30
महाशिवरात्रि पर इस बार पंचक भी रहेगा। पंचक के दौरान कई तरह के कार्यों को करने की मनाही होती है। 11 मार्च को पंचक सुबह 9.21 बजे से ही शुरू हो जाएगा।
हिंदू धर्म के सबसे बड़े व्रतों में से एक महाशिवरात्रि इसी हफ्ते है। महाशिवरात्रि का व्रत हर साल कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को किया जाता है। इस बार ये 11 मार्च (गुरुवार) को पड़ रही है। चतुर्दशी की शुरुआत 11 तारीख को दोपहर 2.39 बजे शुरू होगी और इसका समापन 12 मार्च को दोपहर 3 बजकर 3 मिनट पर होगा।
वहीं, इस बार महाशिवरात्रि पर पंचक भी लग रहा है। हिंदू पंचांग में पंचक को शुभ नहीं माना गया है। पंचक के दौरान कई ऐसे कार्य हैं जिसे करने की मनाही होती है। आम तौर पर पंचक पांच दिन का होता है।
मान्यताओं के अनुसार पांच नक्षत्रों के विशेष मेल से बनने वाले योग को पंचक कहा जाता है। चंद्रमा जब भी आखिरी पांच नक्षत्रों धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती से होकर गुजरते हैं तो इन पांच दिनों को पंचक कहते हैं। कुल 27 नक्षत्र होते हैं। इस में आखिरी पांच को दूषित माना गया है।
महाशिवरात्रि के दिन कब शुरू हो रहा है पंचक
पंचक की शुरुआत 11 मार्च को सुबह 9.21 बजे ही हो जाएगी और इसका समापन 16 मार्च को शाम 4.44 बजे होगा। वैदिक ज्योतिष के अनुसार पंचक जिस दिन से शुरू होता है, उसके हिसाब से उसका प्रभाव भी अलग-अलग होता है।
मसलन पंचक की शुरुआत अगर रविवार से होती है तो उसे रोग पंचक कहते हैं, ऐसे ही शनिवार से शुरू होने वाले पंचक को मृत्यु पंचक कहा जाता है। ऐसे ही सोमवार से शुरू हुए पंचक को राजपंचक, मंगलवार को अग्नि पंचक, और शुक्रवार को चोर पचंक कहा जाता है। बुधवार और गुरुवार से शुरू होने वाले पंचक में शुभ मुहूर्त में मांगलिक कार्य किए जा सकते हैं। हर महीने में पंचक एक बार आता है।
पंचक में क्या नहीं करना चाहिए
मान्यताओं के अनुसार पंचक काल में दक्षिण दिशा की ओर यात्रा नहीं करनी चाहिए। इसे यम की दिशा कहा गया है। इसलिए पंचक के दौरान इस दिशा में यात्रा से हानि पहुंचने की आशंका रहती है।
ऐसे ही पंचक काल में घर की छत नहीं बनवानी चाहिए। पंचक के दौरान सोने के लिए स्थान जैसे पलंग बनवाना, पलंग खरीदना, बिस्तर आदि खरीदना भी वर्जित माना जाता है।