करतारपुर कॉरीडोर पर सरकार का बड़ा फैसला, पाकिस्तानी सीमा तक जल्द होगा विकास, जानें क्यों इतनी प्रसिद्ध है ये जगह
By गुलनीत कौर | Published: September 7, 2018 01:08 PM2018-09-07T13:08:08+5:302018-11-22T13:39:32+5:30
Pakistan to open Kartarpur Sahib corridor for Indians: वित्त मंत्री और बीजेपी सरकार के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने एक ट्वीट करके इस बात का एलान किया है कि सरकार पाकिस्तानी सरकार से करतारपुर कॉरिडोर के लिए पकिस्तान की जमीन पर विकास करने की अपील करेगी। जल्द ही पंजाब के गुरदासपुर से पाकिस्तानी सीमा तक के कॉरिडोर को बनाने का काम शुरू किया जाएगा।
बीते कुछ समय से सिख समुदाय की ओर से पाकिस्तान के करतारपुर कॉरीडोर की मांग की जा रही थी। कुछ दिनों पहले पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से यह खबर भी आई थी कि जल्द ही करतारपुर कॉरीडोर भारतीयों के लिए खोल दिया जाएगा। आज भारत सरकार ने इसपर टिप्पणी करते हुए एक बड़ा फैसला सुनाया है।
वित्त मंत्री और बीजेपी सरकार के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने एक ट्वीट करके इस बात का एलान किया है कि सरकार पाकिस्तानी सरकार से करतारपुर कॉरिडोर के लिए पकिस्तान की जमीन पर विकास करने की अपील करेगी। इधर हिन्दुस्तान में भी पंजाब के गुरदासपुर से लेकर पाकिस्तानी सीमा तक के कॉरिडोर को बनाने का काम जल्द से जल्द शुरू कर दिया जाएगा।
Govt of India will develop a Kartarpur Corridor from Dera Baba Nanak in Gurdaspur, Punjab to the international border to facilitate pilgrims from India to visit the holy Gurudwara Darbaar Sahib Kartarpur on the banks of Rabi river in Pakistan where Guru Nanak Devji spend 18 years
— Arun Jaitley (@arunjaitley) November 22, 2018
बेजीपी के नेता राजनाथ सिंह ने भी अपने ट्वीट से सिख श्रद्धालुओं को यह आश्वासन जताया है कि जल्द ही करतारपुर कॉरिडोर का विकास काम आरम्भ किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार के करतारपुर कॉरिडोर प्रोजेक्ट के तहत सिख संगत की हर सुख सुविधा का खास ध्यान रखा जाएगा ताकि वे आसानी से अपने धार्मिक स्थल के दर्शन कर सकें।
The Kartarpur corridor will provide smooth and easy passage to pilgrims to visit Gurdwara Darbar Sahib throughout the year. Government of Pakistan will be urged to reciprocate and develop a corridor with suitable facilities in their territory.
— राजनाथ सिंह (@rajnathsingh) November 22, 2018
मीडिया ख़बरों के मुताबिक सबसे पहले पंजाब में कांग्रेस पार्टी के नेता नवजोत सिंह सिधु द्वारा पाकिस्तानी सरकार के समक्ष करतारपुर कॉरिडोर को बनाए जाने का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रोजेक्ट के तहत श्रद्धालुओं को 'वीजा फ्री' पाकिस्तान में दाखिल कराया जाएगा। यानी कि केवल पासपोर्ट की जरूरत होगी।
नवजोत सिंह सिद्धू, जो कि तत्कालीना पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के शपथ समारोह में शामिल हुए थे, यह सब उन्हीं की मेहनत का नतीजा बताया जा रहा है। इसी वर्ष 23 नवंबर को सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाश पुरब (जन्मदिवस) है। इसी के चलते सिखों द्वारा गुरु नानक देव जी से जुड़े धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब को भारतीय सिखों के लिए खोल देने की मांग की जा रही थी।
हालांकि इस धार्मिक यात्रा सिख श्रद्धालुओं के लिए हिन्दू यात्री भी शामिल हो सकेंगे या नहीं, इस पर कोई सरकारी बयान नहीं आया है। लेकिन कयास यही लगाए जा रहे हैं कि पिछली बार भारत से पाकिस्तान सिख धार्मिक यात्रा पर गए सभी श्रद्धालुओं में से दो के गायब हो जाने के चलते सिखों की आधिकारिक धार्मिक समिति एसजीपीसी (SGPC) द्वारा केवल सिखों को ही पाकिस्तान जाने की अनुमति दी जा रही है।
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करतारपुर साहिब का इतिहास
पाकिस्तान में सिख धर्म के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक करतारपुर साहिब करतारपुर, जिला नारोवल, पाकिस्तान में स्थित है। यह वही स्थान हैं जहां 22 सितंबर 1539 को सिख धर्म के संस्थापक श्री गुरु नानक देव जी ज्योति ज्योत (उनका निधन हुआ था) समाए थे।
यह गुरुद्वारा ठीक उसी स्थान पर बना है जहां गुरु नानक ने अपने आखिरी श्वास लिए थे। सिखों की इस धार्मिक स्थल से बेहद आस्था जुड़ी है। इस गुरुद्वारे का निर्माण पटियाला के महाराजा सरदार भूपिंदर सिंह ने 1 लाख 35 हजार की लागत से लार्वाया था। बाद में साल 1995 में पाकिस्तान सरकार ने इस गुरूद्वारे की मरम्मत का काम शुरू करवाया था। साल 2004 में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब पूरी तरह से तैयार हुआ।
सिख इतिहास के मुताबिक गुरु नानक देव जी का जन्म पाकिस्तान के ननकाना साहिब में हुआ था, जहां आज के समय में ननकाना साहिब गुरुद्वारा भी सुशोभित है। अपने जीवन के अंतिम 18 वर्ष गरू नानक के करतारपुर में बिताए और सन् 1539 में उसी जगह अंतिम श्वास लिए जहां आज गुरुद्वारा करतारपुर साहिब बनाया गया है।
भारत-पाक के बॉर्डर पर बनेगा कॉरीडोर
बता दें कि भारत-पाक के ठीक बॉर्डर के पास श्री गुरु नानक देव जी को समर्पित 'डेरा बाबा नानक; गुरुद्वारा है। यह भी एतिहासिक गुरुद्वारा है। इसी गुरूद्वारे से करतारपुर साहिब के बीच तीन किलोमीटर का ब्रिज बनाने की मांग की गई है ताकि श्रद्धालू यहीं से सीधा करतारपुर जाकर दर्शन कर सकें।