पाकिस्तान: बंटवारे के बाद पहली बार खुला 1,000 साल पुराना एक हिंदू मंदिर, भगवान शिव को है समर्पित
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 1, 2019 03:32 PM2019-08-01T15:32:00+5:302019-08-01T15:32:00+5:30
1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हमला हुआ था और यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है।
पाकिस्तान में स्थित करीब 1000 साल पुराना मंदिर एक बार फिर पूजा के लिए खोल दिया गया है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट शहर में स्थित इस मंदिर को बंटवारे के बाद पहली बार इसी हफ्ते खोला गया है। पाकिस्तानी अधिकारियों के अनुसार स्थानीय लोगों की मांग के बाद इसे खोला गया है।
शवाला तेजा सिंह मंदिर करीब 1000 साल पुराना
दिवंगत लेखक राशिद नियाज के द्वारा लिखी गई ‘हिस्ट्री ऑफ सियालकोट’ के मुताबिक यह मंदिर 1,000 साल पुराना है और लाहौर से 100 किलोमीटर की दूरी पर शहर के धारोवाल क्षेत्र में है। इस मंदिर का नाम शवाला तेजा सिंह मंदिर है। पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के पवित्र स्थलों की देखरेख करने वाली इवेक्यू ट्रस्ट पॉपर्टी बोर्ड ने स्थानीय हिंदू समुदाय की मांग पर भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद पहली बार मंदिर का दरवाजा खोला है।
शवाला तेज सिंह मंदिर का इतिहास
एतिहासिक तथ्यों के अनुसार इस मंदिर को सरदार तेजा सिंह ने बनवाया था और भगवान शिव को समर्पित है। इस मंदिर में जाने के लिए सीढ़ियों के सहारे चढ़ाई करनी होती है। गौरतलब है कि अप्रैल-2019 में पाकिस्तानी सरकार ने यह घोषणा की थी कि वह अल्पसंख्यक समुदाय के 400 मंदिरों को दोबारा खोलेगी जिसे किसी वजह से बंद किया गया।
बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुआ था इस मंदिर पर भी हमला
1992 में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद इस मंदिर पर हमला हुआ था और यह आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। पाकिस्तान में हिंदू समुदाय सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समुदाय है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक यहां करीब 75 लाख हिंदू रहते हैं। लेकिन इस समुदाय का कहना है कि यहां 90 लाख से ज्यादा हिंदू हैं।