मां लक्ष्मी-श्री गणेश की पूजा क्यों की जाती है एक साथ, इसके पीछे है ये पौराणिक कथा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 9, 2019 07:29 AM2019-03-09T07:29:56+5:302019-03-09T07:29:56+5:30

हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी के साथ भगवान गणेश की पूजा करने का महत्व है। कुछ धार्मिक अवसरों पर ऐसा काफ्रना अनिफ्वारी भी माना जाता है। मगर इन दोनों को एक साथ पूजने के पीछे पुराणों में एक कथा बताई गई है। जिसके बाद से ही लक्ष्मी-गणेश को एकसाथ पूजने की प्रथा शुरू हुई।

Mythological story: Why Goddess Lakshmi and Lord Ganesha are worshipped together | मां लक्ष्मी-श्री गणेश की पूजा क्यों की जाती है एक साथ, इसके पीछे है ये पौराणिक कथा

मां लक्ष्मी-श्री गणेश की पूजा क्यों की जाती है एक साथ, इसके पीछे है ये पौराणिक कथा

हिन्दू धर्म में मां लक्ष्मी और श्री गणेश को एकसाथ पूजने की मान्यता है। ऐसा कर्ण अत्यंत शुभ माना आजाता है। भगवान गणेश मां पार्वती और महादेव शिव के पुत्र  हैं, इन्हें देवों में सबसे पहले पूजा जाता है। पुराणों में भगवान गणेश को माता लक्ष्मी के दत्तक पुत्र के रूप में जाना जाता है। यह अपने भक्तों के विघ्न हरते हैं इसलिये इन्हें विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। लेकिन लक्ष्मी-गणेश को एकसाथ क्यों पूजा जाता है, आइए जानें एक पौराणिक कथा के माध्यम से। 

भगवान विष्णु ने बताया मां लक्ष्मी को अपूर्ण

पौराणिक कथा के अनुसार एक बार मां लक्ष्मी को अपने आप पर अभिमान हुआ कि सारा संसार उन्हे  पूजता है। मां लक्ष्मी की मन की बात को भगवान विष्णु ने भाप लिया और उन्हें समझाया कि चाहे सारा संसार आपकी पूजा करता हो , तुम्हे पाने की इच्छा रखता हो। लेकिन आप अभी तक अपूर्ण हो।

भगवान विष्णु ने विस्तारपूर्वक मां लक्ष्मी को समझाते हुये कहा कि आप नि:सन्तान होने की वजह से अपूर्ण हो। कोई स्त्री जब तक मां नहीं बन जाती, वह तब तक पूर्ण नहीं होती हैं। भगवान विष्णु के ये बात सुनकर माता लक्ष्मी को बहुत दुख महसूस हुआ।

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भगवान गणेश को क्यों कहते हैं दत्तक पुत्र

माता लक्ष्मी ने अपने इस दुख को मां पार्वती को बताया और उनके दोनों पुत्रों में से गणेश को गोद लेने के लिये कहा। मां पार्वती ने माता लक्ष्मी के इस प्रस्ताव को मान लिया और अपने पुत्र को गोद दे दिया। उसी क्षण से भगवान गणेश को दत्तक पुत्र के नाम से माने जाना लगा।

मां लक्ष्मी ने इस बात पर प्रसन्न होकर गणेश जी को वरदान दिया कि मैं हमेशा तुम्हारे साथ रहूंगी और मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा भी होगी। अगर कोई भी मनुष्य मेरी पूजा के साथ तुम्हारी पूजा नहीं करेगा तो मैं उसके पास नहीं रहूंगी। इसलिए सदैव लक्ष्मी जी के साथ उनके 'दत्तक-पुत्र' भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

Web Title: Mythological story: Why Goddess Lakshmi and Lord Ganesha are worshipped together

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