अनोखा! हवा में झूलते हैं इस मंदिर के खंभे, क्या है हैंगिंग टेंपल का रहस्य- आप भी पढ़िए

By मेघना वर्मा | Published: May 19, 2020 02:25 PM2020-05-19T14:25:45+5:302020-05-19T14:42:08+5:30

देश में कई ऐसी धार्मिक चीजें हैं कई ऐसी धार्मिक जगहें हैं जिनके रहस्य आज भी रहस्य ही हैं।

mysterious hanging lepakshi temple know the secrete of temple | अनोखा! हवा में झूलते हैं इस मंदिर के खंभे, क्या है हैंगिंग टेंपल का रहस्य- आप भी पढ़िए

अनोखा! हवा में झूलते हैं इस मंदिर के खंभे, क्या है हैंगिंग टेंपल का रहस्य- आप भी पढ़िए

Highlightsभारत के वैज्ञानिक इस रहस्य का पता लगाने में जुटे हैं। इमारत का आधार किस खंभे पर है ये जांचने के लिए हवा में झूलते खंभे पर पूरी जोर से हथौड़ा मारा गया।

हमारा देश सभ्याताओं और संस्कृति का देश है। देश में कई ऐसी धार्मिक चीजें हैं कई ऐसी धार्मिक जगहें हैं जिनके रहस्य आज भी रहस्य ही हैं। ऐसा ही एक मंदिर है दक्षिण भारत में। जिसके रहस्य को सुलझाने की कोशिश ब्रिटशर्स ने भी की मगर सुलझा ना सके। इस मंदिर का नाम हैं हेंगिंग टेंपल। 

दरअसल आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में स्थित इस लेपाक्षी मंदिर को लोग हेंगिंग टेंपल इसलिए बुलाते हैं क्योंकि ये मंदिर 70 खंभों पर खड़ा है। मगर आश्चर्य वाली बात ये है कि मंदिर का एक खंबा ऐसा भी है जो जमीन से नहीं छूता। ये खंभा हवा में झूलता है। इस वजह से लोग इस मंदिर को हैंगिंग टेंपल बोलते हैं। 

दी गई है थ्योरी

ऐसा नहीं है कि सिर्फ भारत के वैज्ञानिक इस रहस्य का पता लगाने में जुटे हैं। इससे पहले ब्रिटिशर्स के जमाने में भी इस मंदिर पर रिसर्च की जा चुकी है। लोगों का मानना था कि 70 खंभों वाले इस मंदिर का पूरा भार उस एक खंभे को छोड़कर बाकी बचे 69 खंभों पर होगा। मगर अग्रेंजी हुकूमत के दौरान ब्रिटिश इंजीनियर हैमिल्टन ने इस पर एक थ्योरी दे दी। 

बताया जाता है कि साल 1902 में ब्रिटिश इंजीनियर ने मंदिर के रहस्य को सुलझाने की तमाम कोशिशें कीं। इमारत का आधार किस खंभे पर है ये जांचने के लिए हवा में झूलते खंभे पर पूरी जोर से हथौड़ा मारा गया। तभी उससे 25 फीट की दूरी पर स्थित खंभों पर भी दरारें आ गईं। तभी इस बात का पता चला कि सारा वजन इसी झूलते हुए खंभे पर भी है। 

भगवान शिव, विष्णु और विभद्र को समर्पित है मंदिर

मंदिर के निर्माण को लेकर बहुत सारी किदवंतियां हैं। बताया जाता है कि इस मंदिर में एक स्वयंभू शिवलिंग हैं जिन्हें शिव के रौद्रअवतार यानी वीरभद्र का अवतार माना जाता है। जानकारी के अनुसार शिवलिंग 15वीं शताब्दी से यहां स्थित है। 

हो जाती है सारी मनोकामना पूरी

लेपाक्षी मंदिर के झूलते हुए खंभे को लेकर एक परंपरा लोगों के बीच है। लोगों का मानना है कि जो श्रद्धालु इस खंभे के नीचे से कपड़ा निकाल लेते हैं उनकी जिंदगी से सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। उन्हें कभी किसी बात की चिंता नहीं सताती। 
 

Web Title: mysterious hanging lepakshi temple know the secrete of temple

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