Mahashivratri: महाशिवरात्रि पर इस बार 101 साल बाद बन रहा है ये अनोखा संयोग, जानें क्या है खास
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 10, 2021 02:58 PM2021-03-10T14:58:43+5:302021-03-11T08:50:57+5:30
महाशिवरात्रि पर इस साल बेहद शुभ संयोग बन रहे हैं। जानकारों के अनुसार 101 साल बाद ऐसे संयोग बन रहे हैं। इसलिए 11 मार्च का महत्व और बढ़ गया है।
महाशिवरात्रि पर इस बार बेहद खास संयोग बन रहे हैं। महाशिवरात्रि हर साल फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है और इस बार ये 11 मार्च को पड़ रहा है। जानकारों के अनुसार इस बार 11 मार्च का दिन बेहद खास होने वाला है। दरअसल, इस दिन शिवयोग, सिद्धियोग, धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग आने से महाशिवरात्रि की महत्ता और बढ़ गई है।
महाशिवरात्रि पर 101 साल बाद अद्भुत संयोग
शिवयोग, सिद्धियोग, धनिष्ठा नक्षत्र का संयोग इस बार महाशिवरात्रि को खास बना रहा है। इन शुभ संयोग के बीच भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा बेहद कल्याणकारी मानी जा रही है। साथ ही 11 मार्च को त्रयोदशी और चतुर्दशी भी मिल रही है। ये सबकुछ एक साथ 101 साल बाद होने जा रहा है। इसलिए मौका बेहद खास बन गया है।
इस बार 11 मार्च को सुबह 9.24 बजे तक शिव योग रहेगा। इसके बाद सिद्ध योग लग जाएगा जो 12 मार्च को सुबह 8.29 तक रहेगा। साथ ही रात में 9.45 बजे तक धनिष्ठा नक्षत्र रहेगा। पंचाग के अनुसार 11 मार्च को त्रयोदशी तिथि दोपहर 2.39 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी की शुरुआत हो रही है और इसका समापन अगले दिन दोपहर 3.02 बजे होगा।
महाशिवरात्रि पर पूजा का शुभ मुहूर्त
महाशिवरात्रि पर निषित काल पूजा का मुहूर्त इस बार 11 मार्च को आधी रात में 12.06 बजे से 12.55 बजे तक है। ऐसे में ये करीब 48 मिनट का शुभ मुहूर्त होगा। वहीं शिवरात्रि पारण का समय 12 मार्च की सुबह 06.34 बजे से दोपहर 3.02 बजे तक रहने वाला है।
महाशिवरात्रि पर रात के पहर में अन्य शुभ मुहूर्त की बात करें रात के पहले पहर में पूजा का मुहूर्त 11 तारीख की रात 6.27 से 9.29 तक होगा। इसके बाद दूसरे पहर का मुहूर्त रात 9.29 से आधी रात 12.31 (12 मार्च) तक का रहेगा। ऐसे ही तीसरे पहर का मुहूर्त आधी रात 12.31 बजे से तड़के 3.32 (12 मार्च) और फिर चौथे पहर का मुहूर्त तड़के 3.32 से सुबह 6.34 (12 मार्च) तक का होगा।