Magha Ganesha Jayanti 2019: गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी का महत्त्व है और दोनों के बीच अंतर
By उस्मान | Published: February 9, 2019 07:41 AM2019-02-09T07:41:22+5:302019-02-09T07:41:22+5:30
अक्सर लोग गणेश जयंती और गणेश चतुर्थी उत्सव को लेकर भ्रम में रहते हैं, यहां जानिये दोनों के बीच का फर्क और महत्त्व.
गणेश चतुर्थी पूरे भारतवर्ष में पूरे धूमधाम से मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के हिसाब से यह उत्सव अगस्त व सितंबर यानि भाद्रपद माह के पहले शुक्ल चतुर्थी के चौथे दिन मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का त्यौहार दस दिनों तक चलता है। शुक्ल चतुर्थी के चौदहवें दिन को यह उत्सव समाप्त होता है।
दूसरी तरफ गणेश जयंती का त्यौहार विशेषरुप से महाराष्ट्र राज्य में बहुत लोकप्रिय माना जाता है। इस उत्सव को शुक्लपक्ष चतुर्थी के दिन माघ महीने में पंचांग के रुप में मनाया जाता है। जो जनवरी और फरवरी में आती है। नंदी ने सनातुकुमार ऋषियों को सुनाई गई पौराणिक कथा के अनुसार, जब कृष्ण भगवान पर चोरी का आरोप लगा था क्योकि उन्होने माघ शुक्ल चतुर्थी पर चंद्रमा देखा था, जिसे देखना अच्छा नहीं माना जाता था। कृष्ण ने उस दिन उपवास रखा था और चोरी के आरोप से उन्होने छुटकारा पा लिया था।
इन दो बड़े त्योहारों के अलावा, हर महीने 2 गणेश चतुर्थी को उपवास के दिनों के रूप में भी मनाया जाता है।
अंगारक चतुर्थी: यह चतुर्थी मंगलवार को पड़ती है। इसे अंगारक चतुर्थी भी कहा जाता है। यह गणेश जी का पंसदीदा दिन माना जाता है। इस दिन की चतुर्थी बहुत शुभ मानी जाती है।
विनायक चतुर्थी: यह चतुर्थी अमावस्या के बाद पड़ती है। इसे शुक्ल पक्ष के दौरान विनायक चतुर्थी भी कहा जाता है।
माघ कृष्ण चतुर्थी (गणेश जयंती):भगवान गणेश को तिल और गुड़ के लड्डू का बना प्रसाद अर्पित करने का दिन होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन गणेश भगवान की पूजा करने से वह पूरे साल परिवार की परिवार की रक्षा करते हैं।
भाद्रपद कृष्ण: इस दिन भगवान गणेश का जन्मदिन माना जाता है। सभी चर्तुथियों में सबसे महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध है जो भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी पर आती है।
संकष्टी चतुर्थी: ऐसा माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। यह चतुर्थी पूर्णिमा के बाद आती है और कृष्ण पक्ष के संकष्टी चतुर्थी के रूप में मानी जाती है। संकष्ट का अर्थ है समस्या और चतुर्थी का अर्थ है चौथी अवस्था।