Magh Purnima 2021 Date: माघ पूर्णिमा कब है? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 11, 2022 06:57 PM2022-02-11T18:57:02+5:302022-02-11T18:57:02+5:30
Magh Purnima 2021: पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ के महीने में देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान और जाप करते हैं।
हिंदू पंचांग का यह माघ महीना चल रहा है और माघ मास में आने वाली पूर्णिमा तिथि को माघ पूर्णिमा कहते हैं। इस बार माघ पूर्णिमा तिथि 16 फरवरी बुधवार को है। हिंदू धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ के महीने में देवतागण पृथ्वी पर आते हैं और मनुष्य रूप धारण करके प्रयागराज में स्नान, दान और जाप करते हैं।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 15 फरवरी 2022, मंगलवार को रात 09 बजकर 42 मिनट से
पूर्णिमा तिथि का समापन - 16 फरवरी को रात 01 बजकर 25 मिनट तक
राहु काल- दोपहर 12 बजकर 35 मिनट से दोपहर 13 बजकर 59 मिनट तक
माघ पूर्णिमा तिथि का महत्व
माघ पूर्णिमा को बहुत ही शुभ दिन माना गया है। धार्मिक कार्यों को करने के लिए इस दिन को अत्यंत शुभ बताया गया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर प्रात: काल स्नान करने से रोगों का नाश होता है। दान करने से व्यक्ति के जीवन में आने वाली तमाम बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन की जाने वाली पूजा से देवताओं का विशेष आर्शीवाद प्राप्त होता है। वहीं ऐसा भी माना जाता है कि माघी पूर्णिमा पर स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
माघ पूर्णिमा के दिन करें ये काम
माघ पूर्णिमा के दिन घर में पूजा और सत्यनारायण की कथा आयोजित करने से नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है और घर में खुशहाली बनी रहती है। माघ पूर्णिमा पर तिल और कंबल का दान अत्यंत शुभ माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु पर तिल चढ़ाने की भी परंपरा है। तिल का सेहत से गहारा नाता है। इसके साथ ही जरूरतमंदों को काले कंबल का दान करने से भी कई तरह की बाधाएं दूर होती हैं।
माघ पूर्णिमा रविदास जयंती
माघ पूर्णिमा के दिन संत रविदास जयंती मनाई जाती है। उन्होंने दुनिया को 'जो मन चंगा तो कठौती में गंगा' का संदेश दिया था। जो अपने हृदय में छल-कपट नहीं रखते हैं और अपने कर्म को ईमानदारी से निभाते हैं वह गंगा में डुबकी नहीं भी लगाएं और घर में गंगा मैय्या को ध्यान करके स्नान करें तो वहां भी उन्हें गंगा स्नान का पुण्य फल मिल जाता है।