Mauni Amavasya 2020: मौनी अमावस्या से हुई थी द्वापर युग की शुरुआत! जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: January 24, 2020 08:57 AM2020-01-24T08:57:51+5:302020-01-24T08:57:51+5:30

Mauni Amavasya 2020: मौनी अमावस्या के दिन देश भर के पवित्र नदियों के किनारे लोग जुटते हैं और डुबकी लगाते हैं। इस दिन को बेहद विशेष माना गया है।

Magh Mela Mauni Amavasya 2020, its significance, shubh muhurat and 10 believes related to it | Mauni Amavasya 2020: मौनी अमावस्या से हुई थी द्वापर युग की शुरुआत! जानिए इससे जुड़ी 10 बड़ी बातें

मौनी अमावस्या पर वाराणसी में गंगा किनारे जुटे लोग (फोटो-एएनआई)

Highlightsमौनी अमावस्या को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया गया है, इस दिन हुआ था मनु ऋषि का जन्मइस दिन स्नान और दान सहित कई मान्यताएं जुड़ी हैं, पितरों के तर्पण का है इस दिन महत्व

Mauni Amavasya 2020: माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि का हिंदू धर्म में काफी महत्व है। इस दिन देश के कोने-कोने में लोग पवित्र नदियों में जाकर स्नान करते हैं और दान आदि करते हैं। इस दिन सबसे खास महत्व प्रयागराज के संगम में स्नान करने का है। वहीं, कई श्रद्धालु इस दिन मौन व्रत भी रखते हैं। माघ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि की शुरुआत रात 2.17 बजे से हो चुकी है।  इस तिथि का समापन 25 जनवरी को तड़के 3.11 बजे होगा। जानिए मौनी अमावस्या से जुड़ी मान्यताओं के बारे में...

1. मौनी अमावस्या के दिन पवित्र नदियों में स्नान करने का बड़ा महत्व है। माघ महीने में प्रयागराज में बड़ी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं और 'कल्पवास' करते हैं। इसे माघ मेला भी कहा जाता है। माघ माह में ही मौनी अमावस्या आता है।

2. मौनी अमावस्या को लेकर ये भी कहा जाता है कि इस दिन देवता रूप बदलकर धरती पर आते हैं और प्रयागराज के संगम में स्नान करते हैं।

3. ऐसी मान्यता है कि इस दिन पितृगण भी पितृलोक से संगम में स्नान करने आते हैं। इस तरह इस दिन देवताओं और पितरों का भी संगम होता है। ऐसे में इस दिन किया गये दान, यज्ञ और हवन का बहुत फल मिलता है।

4. मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन स्नान के पश्चात तिल, तिल के लड्डू, तिल के तेल, आंवला, गर्म कपड़े, दर्पण, गाय और सोने का दान करने से विशेष फल मिलता है।

5. साथ ही ऐसा भी कहा गया है कि मौनी अमावस्या के दिन व्रत करने से पुत्री और दामाद की आयु बढ़ती है।

6. पद्मपुराण के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन सूर्योदय से पहले जो तिल और जल से पितरों का तर्पण करता है, उसे स्वर्ग का सुख मिलता है। इस दिन पितरों के लिए पूरी श्रद्धा और भक्ति से गुड़, घी और तिल के साथ मधुयुक्त खीर गंगा में प्रवाहित करना चाहिए। 

7. मौनी अमावस्या को लेकर ऐसी भी मान्यता है कि इसी दिन से द्वापर युग की शुरुआत हुई थी।

8. इस दिन मौन व्रत करने की भी परंपरा है। ऐसी मान्यता है कि मौन व्रत करने से विशेष फल मिलता है। मान्यताओं के अनुसार इस मौके पर मौन व्रत करने से विशेष तरह की उर्जा मिलती है। साथ ही शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर हो जाते हैं।  

9. मौनी अमावस्या को दर्श अमावस्या भी कहा जाता है। मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के ही दिन मनु ऋषि का भी जन्म हुआ था। 

10. मान्यताओं के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन खुद को शांत रखना चाहिए। इस दिन किसी के लिए अशुभ नहीं बोलना या सोचना चाहिए। साथ ही इस दिन किसी पर क्रोध पर नहीं करना चाहिए। 

Web Title: Magh Mela Mauni Amavasya 2020, its significance, shubh muhurat and 10 believes related to it

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