Lakshmi Panchami 2020: लक्ष्मी पंचमी पर कीजिए मां लक्ष्मी के इन 10 मंत्रों का जाप, कभी नहीं होगी आर्थिक तंगी
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: March 29, 2020 09:17 AM2020-03-29T09:17:54+5:302020-03-29T09:17:54+5:30
Lakshmi Panchami 2020: देवी लक्ष्मी की पूजा से सभी तरह की आर्थिक तंगी भी दूर होती है। इस दिन मां लक्ष्मी के स्त्रोत पाठ और मंत्र जाप से भी लाभ होता है।
आज नवरात्रि का पांचवा दिन है। नवरात्रि के पांचवे दिन ही मां लक्ष्मी की पंचमी मनाई जाती है। इस दिन मां लक्ष्मी की मन से पूजा करने वाले उपासक को शुभ फल प्राप्त होता है। हिन्दू पंचाग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी को लक्ष्मी पंचमी मनाई जाती है। जिसमें उपासक मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए उनकी उपासना करते हैं। नवरात्रि के पांचवे दिन यह त्योहार मनाया जाता है। इसे बसंत पंचमी भी कहते हैं।
माना जाता है कि इस दिन मां लक्ष्मी की साफ मन से पूजा करने पर सुख और समृद्धि मिलती है। साथ ही देवी लक्ष्मी की कृपा बरसती है। देवी लक्ष्मी की पूजा से सभी तरह की आर्थिक तंगी भी दूर होती है। इस दिन मां लक्ष्मी के स्त्रोत पाठ और मंत्र जाप से भी लाभ होता है।
आइए आपको बताते हैं कि देवी लक्ष्मी के कुछ मंत्र और आरती-
पूजा का शुभ मुहूर्त
लक्ष्मी पंचमी - 29 मार्च
पंचमी तिथि शुरू - 12:17 AM (29 मार्च)
पंचमी तिथि समाप्त - 02:01 AM (30 मार्च)
लक्ष्मी मंत्र: 1
ॐ ह्रीं ह्रीं श्री लक्ष्मी वासुदेवाय नम:।
श्री लक्ष्मी मंत्र : 2
ॐ आं ह्रीं क्रौं श्री श्रिये नम: ममा लक्ष्मी
नाश्य-नाश्य मामृणोत्तीर्ण कुरु-कुरु
सम्पदं वर्धय-वर्धय स्वाहा:।
महामंत्र : 3
पद्मानने पद्म पद्माक्ष्मी पद्म संभवे
तन्मे भजसि पद्माक्षि येन सौख्यं लभाम्यहम्।।
महामंत्र : 4
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं श्री सिद्ध लक्ष्म्यै नम:
महामंत्र : 5
ॐ ह्रीं श्री क्रीं क्लीं श्री लक्ष्मी मम गृहे धन पूरये,
धन पूरये, चिंताएं दूरये-दूरये स्वाहा:।
महामंत्र : 6
ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं अर्ह नम: महालक्ष्म्यै
धरणेंद्र पद्मावती सहिते हूं श्री नम:।
महामंत्र : 7
ऊं ह्रीं त्रिं हुं फट
महामंत्र : 8
ऊं श्रीं, ऊं ह्रीं श्रीं, ऊं ह्रीं श्रीं क्लीं वित्तेश्वराय: नम
महामंत्र : 9
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं त्रिभुवन महालक्ष्म्यै अस्मांक दारिद्र्य नाशय प्रचुर धन देहि देहि क्लीं ह्रीं श्रीं ॐ ।
लक्ष्मी प्राप्ति का 10वा मंत्र
ॐ श्रीं श्रियै नमः
महालक्ष्मी जी की आरती
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता.
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता.
ॐ जय लक्ष्मी माता.
उमा ,रमा,ब्रम्हाणी, तुम जग की माता.
सूर्य चद्रंमा ध्यावत, नारद ऋषि गाता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
दुर्गारुप निरंजन, सुख संपत्ति दाता .
जो कोई तुमको ध्याता, ऋद्धि सिद्धी धन पाता .
ॐ जय लक्ष्मी माता….
तुम ही पाताल निवासनी, तुम ही शुभदाता.
कर्मप्रभाव प्रकाशनी, भवनिधि की त्राता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
जिस घर तुम रहती हो , ताँहि में हैं सद् गुण आता.
सब सभंव हो जाता, मन नहीं घबराता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
तुम बिन यज्ञ ना होता, वस्त्र न कोई पाता.
खान पान का वैभव, सब तुमसे आता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
शुभ गुण मंदिर सुंदर क्षीरनिधि जाता.
रत्न चतुर्दश तुम बिन ,कोई नहीं पाता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
महालक्ष्मी जी की आरती ,जो कोई नर गाता.
उँर आंनद समाता,पाप उतर जाता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
स्थिर चर जगत बचावै ,कर्म प्रेर ल्याता.
रामप्रताप मैया जी की शुभ दृष्टि पाता.
ॐ जय लक्ष्मी माता….
ॐ जय लक्ष्मी माता मैया जय लक्ष्मी माता.
तुमको निसदिन सेवत, हर विष्णु विधाता ॥