कुरुक्षेत्र में 35 टन की श्रीकृष्ण की विराट प्रतिमा स्थापित, 80 कारीगरों ने एक साल में किया तैयार
By बलवंत तक्षक | Published: December 2, 2021 01:27 PM2021-12-02T13:27:39+5:302021-12-02T13:27:39+5:30
कुरुक्षेत्र में स्थापित श्रीकृष्ण की विराट मूर्ति को चार धातुओं को मिलाकर बनाया गया है। इसके हिस्से नोएडा में बनाए गये और फिर इसे कुरुक्षेत्र लाया गया है।
कुरुक्षेत्र: हरियाणा के कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर तीर्थ स्थल पर भगवान श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की 35 टन वजनी प्रतिमा स्थापित की गई है। इस प्रतिमा को 80 कारीगरों ने एक साल में तैयार किया है।
10 करोड़ की लागत से बनी है प्रतिमा
गीता की जन्मस्थली ज्योतिसर में स्थापित इस प्रतिमा पर करीब दस करोड़ रुपये की लागत आई है। श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप की ऊंचाई 40 फुट से ज्यादा है। इसे 10 फुट ऊंचे प्लेटफॉर्म पर स्थापित किया गया है।
चार धातुओं को मिलाकर बनाए गए इस विराट स्वरूप को नोएडा से कुरुक्षेत्र लाया गया है। इस प्रतिमा के हिस्से को क्रेन की सहायता से जोड़ा गया है। विश्व विख्यात मूर्तिकार राम सुतार और उनके बेटे अनिल सुतार के निर्देशन में यह मूर्ति बनाई गई है।
श्रीकृष्ण के विराट स्वरूप में नौ चेहरे
श्रीकृष्ण के इस विराट स्वरूप में नौ चेहरे हैं। इनमें योगेश्वर कृष्ण के अलावा श्री गणेश, ब्रह्मा, शिव, भगवान विष्णु का नरसिंह रूप, भगवान हनुमान, परशुराम, अग्रीव और अग्निदेश शामिल हैं। इस प्रतिमा से लिपटे सिर के ऊपर छांव करते शेषनाग हैं।
मूर्ति में करीब 85 प्रतिशत कापर, 5 प्रतिशत टिन, 5 प्रतिशत जिंक, 5 प्रतिशत लेड का मिश्रण है। इससे पहले अनिल सुतार ने 2008 में ब्रह्म सरोवर में विशार रथ बनाया था। इसकी स्थापना की जा चुकी है। इसकी लंबाई 60 फीट है। यह 35 फीट चौड़ा और 30 फीट ऊंचा है।
बहरहाल, श्रीकृष्ण की मूर्ति अब आने वाले तीर्थ यात्रियों और सैलानियों के लिए यहां अब आकर्षण का केंद्र होगी। महाभारत से इस स्थल के जुड़ाव को देखते हुए दुनिया भर से हजारों लोग यहां हर साल पहुंचते हैं। अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव की वजह से भी देश-विदेश में कुरुक्षेत्र की अलग पहचान है।