Janmashtami 2019: जन्माष्टमी कब है, क्या आप भी हैं उलझन में? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 12, 2019 11:34 AM2019-08-12T11:34:22+5:302019-08-12T12:06:29+5:30

Krishna Janmashtami 2019: जन्माष्टमी इस साल कब मनाई जाएगी, इसे लेकर लोगों में उलझन है। कुछ जानकारों का मत है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिहाज से यह दोनों संयोग 23 अगस्त को बन रहे हैं।

Krishna Janmashtami 2019 kab hai date, time, shubh muhurat and puja vidhi | Janmashtami 2019: जन्माष्टमी कब है, क्या आप भी हैं उलझन में? जानें तारीख, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि

जन्माष्टमी के व्रत की तारीख को लेकर इस बार उलझन

Highlightsभगवान कृष्ण के जन्मदिन को जन्माष्टमी के तौर पर मनाया जाता है हर साल भाद्र महीने की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है जन्माष्टमीजन्माष्टमी इस साल कब मनाई जाएगी, इसे लेकर लोगों में उलझन है

भगवान कृष्ण का जन्मदिन यानी जन्माष्टमी के पर्व को लेकर इस बार भी उलझन की स्थिति है। हर साल भाद्र महीने की अष्टमी तिथि को मनाये जाने वाले जन्माष्टमी की तिथि को लेकर पहले भी अंतर नजर आता रहा है। आम तौर पर अलग-अलग मान्यताओं के लोगों द्वारा दो अलग-अलग दिन जन्माष्टमी मनाया जाता रहा है। मसलन, स्मार्त और शैव संप्रदाय जिस दिन जन्माष्टमी मनाते हैं, उसके अगले दिन वैष्णव संप्रदाय द्वारा जन्माष्टमी मनाई जाती है।

Janmashtami 2019: जन्माष्टमी कब है? 

जन्माष्टमी इस साल कब मनाई जाएगी, इसे लेकर लोगों में उलझन है। यह उलझन 23 और 24 अगस्त को लेकर है। पंचाग को देखें तो अष्टमी तिथि 23 अगस्त को ही सुबह 8.09 बजे से शुरू हो रही है और यह 24 अगस्त को सुबह 8.32 बजे खत्म होगा। वहीं, रोहिणी नक्षत्र 24 अगस्त को सुबह 3.48 बजे से शुरू होगा और ये 25 अगस्त को सुबह 4.17 बजे उतरेगा। कुछ पंडितों के अनुसार रोहिणी नक्षत्र 23 अगस्त को रात 11.56 बजे से ही शुरू हो जाएगा। 

जानकारों का मत है कि भगवान कृष्ण का जन्म अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस लिहाज से यह दोनों संयोग 23 अगस्त को बन रहे हैं। ऐसे में 23 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना शुभ होगा। हालांकि, कई जानकार 24 अगस्त को इस बार जन्माष्टमी मनाना शुभ मान रहे हैं।

Janmashtami 2019: जन्माष्टमी में पूजा का शुभ मुहूर्त

जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त 23 अगस्त को रात 12.08 बजे से 1.04 बजे तक है। मान्यताओं के अनुसार व्रत का पारण अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र उतरने के बाद ही करना चाहिए। अगर दोनों संयोग एक साथ नहीं बन रहे हैं तो अष्टमी या फिर रोहिण नक्षत्र उतरने के बाद आप व्रत तोड़ सकते हैं। ऐसे ही 24 अगस्त को पूजा का मुहूर्त 12.01 बजे से 12.46 बजे तक का है। पारण का समय सुबह 6 बजे के बाद है।

Janmashtami 2019: जन्माष्टमी की पूजा विधि और नियम

जन्माष्टमी के दिन साधक को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए। फलाहार किया जा सकता है। व्रत अष्टमी तिथि से शुरू होता है। इस दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घर के मंदिर को साफ सुथरा करें और जन्माष्टमी की तैयारी शुरू करें। रोज की तरह पूजा करने के बाद बाल कृष्ण लड्डू गोपाल जी की मूर्ति मंदिर में रखे और इसे अच्छे से सजाएं। माता देवकी, वासुदेव, बलदेव, नंद, यशोदा जी का चित्र भी लगा सकते हैं।

दिन भर अन्न ग्रहण नहीं करें। मध्य रात्रि को एक बार फिर पूजा की तैयारी शुरू करें। रात को 12 बजे भगवान के जन्म के बाद भगवान की पूजा करें और भजन करें। गंगा जल से कृष्ण को स्नान करायें और उन्हें सुंदर वस्त्र और आभूषण पहनाएं। भगवान को झूला झुलाए और फिर भजन, गीत-संगीत के बाद प्रसाद का वितरण करें।

English summary :
Krishna Janmashtami 2019: People are confused about when Janmashtami will be celebrated this year. This confusion is on 23 and 24 August. If we look at Hindu Panchang, the Ashtami date starts at 8.09 am on August 23 and will end at 8.32 am on August 24.


Web Title: Krishna Janmashtami 2019 kab hai date, time, shubh muhurat and puja vidhi

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