Karva Chauth 2020: करवा चौथ में आटे के दीये बनाकर ही क्यों की जाती है पूजा, जानें वजह
By गुणातीत ओझा | Published: November 4, 2020 04:35 PM2020-11-04T16:35:25+5:302020-11-04T16:39:27+5:30
आज कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। करवा चौथ पर महिलाएं पति के अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं।
आज कार्तिक मास की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का त्योहार पूरे देश में मनाया जा रहा है। करवा चौथ पर महिलाएं पति के अखंड सौभाग्य के लिए व्रत करती हैं। पूरे दिन निराजल व्रत रखकर महिलाएं रात के वक्त चंद्र दर्शन कर पति के हाथ से पानी पीकर व्रत खोलती हैं। आज के दिन करवा माता की पूजा में कई चीजों का ध्यान रखा जाता है। करवा चौथ की पूजा में आटे के दीपक का ही इस्तेमाल किया जाता है। करवा चौथ पर मिट्टी के दीयों का प्रयोग काफी समय से होता आ रहा है। लेकिन आपने देखा होगा कि आज भी घर की वरिष्ठ महिलाएं पूजा-पाठ और व्रत-त्योहार में हमेशा आटे के दीये का ही प्रयोग करती हैं। ऐसा नहीं है कि वह समय के साथ नहीं चलना चाहती हैं बल्कि आटे के दीये का सनातन धर्म में विशेष महत्व है। आइये आपको बताते हैं आखिर क्यों आटे के दीपक का प्रयोग किया जाता है..
जानें क्यों आटे के दीपक को मानते हैं विशेष
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार आटे के दीये से पूजा करने की मान्यता है कि इससे पति की उम्र बढ़ती है। इसलिए करवा चौथ की पूजा में आटे के दीपक का ही प्रयोग करना चाहिए, क्योंकि ये व्रत ही पति की लंबी उम्र के लिए रखा जाता है। आटे के दीये को शुद्ध और अन्न से निर्मित होने के कारण ज्यादा महत्व दिया गया है।
आटे के दीपक से मिलता है यह सुख
मान्यता है कि यदि प्रत्येक पूजा-पाठ की ही तरह करवा चौथ में भी आटे का दीपक जलाया जाए तो इससे व्रत का दोगुना लाभ मिलता है। इसके अलावा आटे का दीपक संकट दूर करने वाला और प्रेम भावना बढ़ाने वाला होता है। इसलिए सुहाग के त्योहार में आपको इस दीये का ही प्रयोग कना चाहिए।
करवा मां के साथ मिलता है इनका आर्शीवाद
मान्यता है कि आटे के दीपक का प्रयोग करने से करवा महारानी तो प्रसन्न होती ही हैं। साथ ही देवी अन्नपूर्णा का भी आर्शीवाद मिलता है। इसके अलावा बता दें कि मां भवानी, हनुमानजी, श्रीगणेश, भोलेनाथ शंकर, भगवान विष्णु, भगवान विष्णु के अवतार श्रीराम और श्रीकृष्ण सभी के मंदिरों में आटे का दीप कामना पूर्ति के लिए जलाया जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से कर्ज से मुक्ति, शीघ्र विवाह, नौकरी, बीमारी, संतान प्राप्ति, खुद का घर, गृह कलह, पति-पत्नी में विवाद, जमीन जायदाद, कोर्ट कचहरी में विजय का आर्शीवाद मिलता है।