Kamika Ekadashi 2022 Date: इस दिन है कामिका एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहू्र्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा

By रुस्तम राणा | Published: July 19, 2022 02:18 PM2022-07-19T14:18:36+5:302022-07-19T14:18:36+5:30

कामिका एकादशी व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत रख रखने से व्रती को समस्त प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाता है।

Kamika Ekadashi 2022 Date muhurat vrat vidhi and katha | Kamika Ekadashi 2022 Date: इस दिन है कामिका एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहू्र्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा

Kamika Ekadashi 2022 Date: इस दिन है कामिका एकादशी, जानें तिथि, शुभ मुहू्र्त, व्रत विधि और पौराणिक कथा

Highlightsइस बार कामिका एकादशी व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगाइस व्रत को करने से समस्त प्रकार के पापों से मिलती है मुक्तिश्रावण माह कृष्ण पक्ष की एकादशी को कहते हैं कामिका एकादशी

Kamika Ekadashi 2022: कामिका एकादशी व्रत श्रावण मास कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखा जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, कामिका एकादशी व्रत रख रखने से व्रती को समस्त प्रकार के पापों से छुटकारा मिल जाता है। शास्त्रों के अनुसार, एकादशी व्रत भगवान विष्णु जी को समर्पित है। इसलिए इस दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने का विधान है। हालांकि इस समय वे चार माह के लिए पाताल लोक में निद्रासन में होते हैं, और सृष्टि का कार्यभार उनकी जगह महादेव शिव संभालते हैं। इस बार कामिका एकादशी व्रत 24 जुलाई को रखा जाएगा। 

कामिका एकादशी पूजा मुहूर्त

एकादशी तिथि आरंभ- शनिवार  23 जुलाई 2022 सुबह 11:27 बजे से
एकादशी तिथि समाप्त: रविवार 24 जुलाई 2022 दोपहर 01:45 बजे तक
 एकादशी व्रत पारण: सोमवार 25 जुलाई 2022 सुबह 05:38 से 08:22 बजे तक

कामिका एकादशी व्रत विधि

सुबह जल्दी उठें और स्नान आदि कर व्रत का संकल्प लें। 
इसके बाद भगवान विष्णु जी को पंचामृत से स्नान करवाएं।  
मंदिर की अच्छी तरह से सफाई करें और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें।
विष्णु जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। 
उन्हें हलवा-पूरी का भोग लगाएं। 
भोग में तुलसी को अवश्य शामिल करें।
शाम को तुलसी की पूजा करें। 
कामिका एकादशी व्रत कथा पढ़ें।
सुबह व्रत पारण मुहूर्त में व्रत खोलें।
अंत में ब्राह्मणों को दान-दक्षिणा देकर विदा करें। 

कामिका एकादशी व्रत कथा

एक नगर में वीर क्षत्रिय रहता था जो दिल का नेक था, किंतु उसे गुस्सा बहुत आता था। इसलिए कईबार इसी बात को लेकर कईबार उसका झगड़ा हो जाता था। क्रोधित स्वभाव के कारण ही एक दिन क्षत्रिय की लड़ाई एक ब्राह्मण से हो गई। क्षत्रिय अपने क्रोध पर नियंत्रण नहीं कर सका और उसने हाथापाई के दौरान एक ब्राह्मण की हत्या कर दी। इस कारण क्षत्रिय पर ब्राह्मण हत्या का दोष लगा।

क्षत्रिय को अपनी गलती का अहसास हुआ और इसका प्रायश्चित करने के लिए उसने ब्राह्मण के दाह संस्कार में शामिल होना चाहा। लेकिन पंडितों ने उसे ब्राह्मण की क्रिया में शामिल होने से मना कर दिया। ब्राह्मणों ने क्षत्रिय से कहा कि तुम ब्राह्मण की हत्या के दोषी हो। इस कारण उसे धार्मिक और सामाजिक कार्यों से भी बहिष्कार कर दिया गया।

इन सभी कारणों से परेशान होकर क्षत्रिय ने ब्राह्मणों से पूछा कि कोई ऐसा उपाय बताएं जिससे मैं इस दोष से मुक्त हो सकूं। तब ब्राह्मणों ने क्षत्रिय को कामिका एकादशी व्रत के बारे में बताया। पहलवान ने सावन माह की कामिका एकादशी का व्रत रखा और विधि विधान से इसका पालन किया। एक दिन क्षत्रिय को नींद में भगवान श्री हरि विष्णु के दर्शन हुए। भगवान विष्णु ने क्षत्रिय से कहा कि तुम्हें पापों से मुक्ति मिल गई है। इस घटना के बाद से ही कामिका एकादशी का व्रत रखा जाने लगा।

Web Title: Kamika Ekadashi 2022 Date muhurat vrat vidhi and katha

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