कैलाश-मानसरोवर यात्रा: 58 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था चीन पहुंचा, लिपुलेख दर्रा पहुंचे दो और जत्थे
By भाषा | Published: June 20, 2019 02:46 PM2019-06-20T14:46:33+5:302019-06-20T14:46:33+5:30
कैलाश-मानसरोवर के 58 तीर्थयात्रियों का पहला जत्था लिपुलेख दर्रा होते हुए गुरुवार को चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र पहुंचा। यात्रा के लिए नोडल एजेंसी कुमाऊं मंडल विकास निगम (केएमवीएन) के महाप्रबंधक अशोक जोशी ने बताया कि कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए तीर्थयात्रियों ने सुबह सवा आठ बजे लिपुलेख दर्रा के जरिए चीनी क्षेत्र में प्रवेश किया।
लिपुलेख दर्रा 17500 फुट की ऊंचाई पर है। जोशी ने कहा, 'जत्थे के सभी सदस्य सुरक्षित हैं। उन्हें आईटीबीपी के चिकित्सकों ने गुंजी में जांच के दौरान स्वस्थ पाया था। जत्था तिब्बत में सात दिन रहने के बाद दर्रा लौटेगा। तिब्बत में तीर्थयात्री भगवान शिव का धाम माने जाने वाले पवित्र कैलाश के दर्शन करेंगे और पवित्र मानसरोवर झील में स्नान करेंगे।'
उन्होंने बताया कि पहले जत्थे के अलावा तीर्थयात्रियों के दो अन्य जत्थे भी लिपुलेख दर्रा के पास पहुंच गए है। कैलाश मानसरोवर की आम तौर पर यात्रा को 18 से 21 दिनों में पूरा कर लिया जाता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित कराई जाती है।