Kailash Manasarovar Yatra 2019: कैलाश मानसरोवर, वो जगह जहां रहते हैं भगवान शिव, 8 जून से शुरू हो रही है यात्रा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 7, 2019 02:53 PM2019-06-07T14:53:26+5:302019-06-07T14:53:26+5:30

हिंदू धर्म के इस सबसे पवित्र स्थान पर हस साल हजारों लोग पहुंचते हैं। मान्यताओं के अनुसार मानसरोवर झील की उत्पत्ति भगवाल ब्रह्मा के मन से हुई, इसलिए इसे मानसरोवर कहते हैं।

Kailash Manasarovar yatra 2019 know interesting unknown facts about Kailash Manasarovar home of God Shiva | Kailash Manasarovar Yatra 2019: कैलाश मानसरोवर, वो जगह जहां रहते हैं भगवान शिव, 8 जून से शुरू हो रही है यात्रा

कैलाश मानसरोवर यात्रा

Highlightsकैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 8 जून से शुरू हो रही हैमाना जाता है कि मानसरोवर में एक बार स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैकैलाश मानसरोवर की इस यात्रा को 18 से 21 दिनों में पूरा कर लिया जाता है

कैलाश मानसरोवर की यात्रा इस साल 8 जून से शुरू हो रही है। यह पवित्र पर्वत और सरोवर चीन के कब्जे वाले तिब्बत में मौजूद है। इसे भगवान शिव का निवास स्थान माना जाता है और इसलिए इसकी महत्ता काफी बढ़ जाती है। इस यात्रा को बेहद मुश्किल माना जाता है। यहां तक जाने का रास्ता भी बेहद दुर्गम है। वैसे, बदलते समय के साथ इन रास्तों में कई सुविधाएं मुहैया कराई जाने लगी है। आम तौर पर इस यात्रा को 18 से 21 दिनों में पूरा कर लिया जाता है। कैलाश मानसरोवर की यात्रा हर साल जून से सितंबर के बीच आयोजित कराई जाती है। 

कैलाश मानसरोवर: वह जगह जहां रहते हैं भगवान शिव और माता पार्वती

कैलाश मानसरोवर दरअसल कैलाश पर्वत और इसके पास मौजूद एक सरोवर को कहा जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार कैलाश भगवान शिव का निवास स्थान है। साथ ही वहीं पास में मौजूद मानसरोवर सबसे पवित्र झील है। मान्यताओं के अनुसार ये वह झील है जहां भगवान शिव और इंद्र बत्तख के रूप में कभी तैरे थे। 

हिंदू मान्यताओं के अनुसार हर व्यक्ति को अपने जीवन में जरूर इस जगह की यात्रा करनी चाहिए। हर साल यहां हजारों लोग आते हैं और यहां की प्राकृतिक छटा और खूबसूरती के कारण यह यात्रा उनके लिए यादगार बन जाती है। अध्यात्म के अलावा रोमांच के लिहाज से भी लोगों का इस मुश्किल और दुर्गम इलाके में जाना अपने लिए स्मृतियों का संसार बसाने जैसा होता है। 

कैलाश मानसरोवर की कहानी

मान्यताओं के अनुसार मानसरोवर झील की उत्पत्ति भगवाल ब्रह्मा के मन से हुई, इसलिए इसे मानसरोवर कहते हैं। मान्यता ये भी है कि इस झील में सुबह 3 से 5 बजे तक ब्रह्म मुहूर्त में देव इस झील में स्नान करते हैं। यह भगवान शिव और उनकी दिव्य पत्नी पार्वती का निवास है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार यह पुरुष और प्रकृति- शिव और शक्ति के दर्शन को उजागर करता है। 

विशाल झील मानसरोवर पवित्र कैलाश से नीचे 320 वर्ग किलोमीटर में फैला है और पश्चिमी तिब्बत में समुद्र तल से 4560 मीटर ऊपर स्थित है। यह हिंदुओं के लिए ब्रह्मांड में सबसे पवित्र और सबसे प्रतिष्ठित झील में से एक है। झील की परिधि 90 किलोमीटर है। इसकी परिक्रमा करने में लगभग तीन घंटे लगते हैं। मान्यताओं के अनुसार पवित्र झील की पहली झलक तीर्थयात्रियों के सभी कष्टों और कष्टों को दूर करती है और मन और आत्मा को पुनर्जीवित करती है। 

माना जाता है कि मानसरोवर में एक बार स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है जबकि इसके पानी को पीने से जीवन भर के पापों से छुटकारा मिलता है। मानसरोवर में स्नान के बाद भक्त कैलाश पहुंचकर इस पर्वत की परिक्रमा करते हैं। कैलाश मानसरोवर के पास ही गौरी कुंड भी है जिसका जिक्र शिव पुराण में है। इसे करुणा की झील भी कहा जाता है। 

English summary :
The journey of Kailash Mansarovar is going to start on from June 8 this year. This holy mountain and lake is present in China-occupied Tibet. This is considered to be the habitation of Lord Shiva and hence its importance is greatly increased. This journey is considered extremely difficult.


Web Title: Kailash Manasarovar yatra 2019 know interesting unknown facts about Kailash Manasarovar home of God Shiva

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