भैरव अष्टमी 2018: घर से नकारात्मक ऊर्जा करनी हो दूर तो करें 3 उपाय
By मेघना वर्मा | Published: November 28, 2018 01:01 PM2018-11-28T13:01:43+5:302018-11-28T13:02:07+5:30
माना जाता है कि शिवजी के रक्त से भगवान भैरव की उत्पत्ती हुई थी। इसलिए उनको काल भैरव भी कहा जाता है।
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी के दिन भैरव अष्टमी या भैरव जयंती मनाया जाता है। माना जाता है कि इसी दिन भगवान शिव, भैरव के रूप में प्रकट हुए थे। हिन्दू धर्म में मान्यता ये भी है कि भैरव का जन्म मां के गर्भ से नहीं हुआ था। बल्कि उन्हें अजन्मा माना जाता है। इस बार 29 नवंबर को भैरव अष्टमी मनाई जाती है। माना जाता है कि भगवान शिव ने अपनी प्रिय नगरी काशी की सुरक्षा का भार भैरव को ही सौंपा था।
इसलिए कहा जाता है काल भैरव
माना जाता है कि शिवजी के रक्त से भगवान भैरव की उत्पत्ती हुई थी। इसलिए उनको काल भैरव भी कहा जाता है। भैरव अष्टमी के दिन कालभैरव का दर्शन-पूजन शुभ फले देने वाला होता है। इस दिन लोग भैरव के मंदिर में बाबा कालभैरव की पूजा करते हैं। साथ ही उन्हें सिंदूर, तेल, नारियल, पुए और जलेबी चढ़ाते हैं।
घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के लिए करें ये उपाय
1. जलाएं 33 अगरबत्तियां
भैरव देव की कृपा हमेशा बनाए रखने के लिए रविवार, शुक्रवार या भैरव जयंती के दिन भैरव मंदिर में चंदन, गुलाब की खुशबू वाला 33 अगरबत्तियां जलाएं। ऐसा करने से आपके घर में हमेशा सौम्यता बनी रहेगी। साथ ही घर पर पॉजीटिव एनर्जी का संचालन होगा।
2. काले कपड़े की पोटली
अपने घर से नेगेटिव एनर्जी दूर करने के लिए बुधवार या काल भैरव अष्टमी के दिन सवा सौ ग्राम काले तिल, सवा सौ ग्राम काले उड़ और सवा 11 रुपए को सवा मीटर काले कपड़े में बांध लें। अब इसकी एक पोटली बनाकर भैरव नाथ के मंदिर में चढ़ाएं।
3. उड़द की दाल के पकौड़े
शनिवार की रात के सरसों के तेल में उड़द दाल के पकौड़े बनाकर उसे सुबह रास्ते में दिखने वाले सबसे पहले कुत्ते को खिलाएं। जब कुत्ता पूरा पकौड़े खा ले तो वहां से निकल जाएं मगर मुड़कर उसे ना देखें। ऐसा करने से भी आपके घर की नेगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है।