Jivitputrika Vrat 2019: जिउतिया व्रत कब है, 22 या 23 सितंबर? जानें पंचाग को लेकर क्या है उलझन और कब करें व्रत

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: September 17, 2019 02:00 PM2019-09-17T14:00:27+5:302019-09-17T15:00:34+5:30

Jivitputrika ( jjiutia ) Vrat Date 2019: मिथिला पंचांग के अनुसार 21 सितंबर से उपवास शुरू होगा और फिर 22 तारीख को दोपहर 3 बजे पारण करना ठीक होगा। ऐसे में निर्जला उपवास का समय करीब 33 घंटे का हो जाएगा।

jjiutia Jivitputrika Vrat 2019: date, 22nd september or 23rd september, Milthila panchang and Banaras panchang | Jivitputrika Vrat 2019: जिउतिया व्रत कब है, 22 या 23 सितंबर? जानें पंचाग को लेकर क्या है उलझन और कब करें व्रत

जिउतिया व्रत कब है, 22 तारीख या 23 सितंबर? जानिए (फाइल फोटो)

HighlightsJivitputrika Vrat 2019: जिउतिया व्रत की तिथि को लेकर उलझन 22 और 23 सितंबर को उपवास व पारण को लेकर है उलझन, पंचांग में अंतर

Jivitputrika Vrat 2019: जन्माष्टमी और हरतालिका तीज के बाद अब जीवित्पुत्रिका या जितिया व्रत करने की तिथि को लेकर उलझन शुरू हो गई है। इस वजह से इस बार जिउतिया व्रत दो दिन का हो गया है। दरअसल, बनारस पंचाग को मानने वाली महिलाएं 22 सितंबर को जिउतिया व्रत का उपवास करेंगी और 23 सितंबर को पारण होगा। ऐसे में उपवास करीब 24 घंटे का होगा। वहीं, मिथिला पंचांग के अनुसार महिलाएं 21 सितंबर से उपवास शुरू करेंगी और फिर 22 तारीख को दोपहर 3 बजे पारण करेंगी। ऐसे में उपवास का समय करीब 33 घंटे का हो जाएगा। 

बिहार, यूपी के पूर्वांचल इलाके और नेपाल के कई इलाकों में किये जाने वाला ये व्रत महिलाओं द्वारा पुत्रों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन की कामना के लिए किया जाता है। पति के लिए रखे जाने वाले हरतालिका तीज की तरह जिउतिया व्रत भी बेहद कठिन माना जाता है। इस दौरान महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं।

Jivitputrika Vrat 2019: तीन दिन का होता है जिउतिया व्रत

जीवित्पुत्रिका व्रत हर साल अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को किया जाता है। इस व्रत की शुरुआत सप्तमी से नहाय-खाय के साथ हो जाती है और नवमी को पारण के साथ इसका समापन होता है। इस बार व्रत को लेकर असल उलझन ये है कि एक मत चन्द्रोदयव्यापिनी अष्टमी का तो दूसरा सूर्योदयव्यापिनी अष्टमी का पक्षधर है। जानकारों के अनुसार कई बार जितिया का व्रत दो दिन हो ही जाता है।

आमतौर पर कोई भी व्रत एक सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक का होता है। सूर्योदयव्यापिनी अष्टमी को मानने वाले मत के अनुसार 21 सितम्बर (शनिवार) को अष्टमी अपराह्न 3.43 से प्रारम्भ है और 22 सितम्बर रविवार को अपराह्न 2.49 तक है। ऐसे में अष्टमी को देखते हुए उससे पहले उपवास शुरू कर दिया जाना चाहिए और इसके खत्म होने के बाद पारण करना चाहिए।

वहीं, दूसरे मत के अनुसार अष्टमी तिथि 22 सितंबर को अपराह्न 2.39 बजे तक है। उदया तिथि अष्टमी रविवार (22 सितंबर) को ही पड़ रही है। इसके अनुसार जीवित्पुत्रिका व्रत का उपवास 22 सितंबर को रखना ठीक होगा और अगले दिन नवमी में पारण किया जाना चाहिए। इस उलझन को देखते हुए बेहतर है कि आप भी अपने पुरोहित से इस संबंध में राय लेने के बाद ही व्रत करने की तिथि को लेकर कोई फैसला लें।

English summary :
Jiutia or Jivitputrika Date 2019: Women who believe in Banaras Panchang will fast for Jiutia on September 22 and Paran will be on September 23. In this case, the fast will be about 24 hours. At the same time, according to the Mithila Panchang, women will start fasting from September 21 and then pass it on 22nd at 3 pm. In this case, the fasting time will be about 33 hours.


Web Title: jjiutia Jivitputrika Vrat 2019: date, 22nd september or 23rd september, Milthila panchang and Banaras panchang

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