Jaya Ekadashi: जया एकादशी कल, इस दिन व्रत और पूजा से मिलती है पापों से मुक्ति, नहीं मिलती भूत-पिशाच की योनि

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: February 4, 2020 10:41 AM2020-02-04T10:41:57+5:302020-02-04T10:41:57+5:30

Jaya Ekadashi 2020: जया एकादशी इस बार 5 फरवरी को है। हिंदू मान्यताओं में हर एकादशी का महत्व है लेकिन इस दिन को बहुत पुण्यदायी कहा गया है।

Jaya Ekadashi vrat 2020 date, tithi, puja shubh muhurat, puja vidhi and importance | Jaya Ekadashi: जया एकादशी कल, इस दिन व्रत और पूजा से मिलती है पापों से मुक्ति, नहीं मिलती भूत-पिशाच की योनि

Jaya Ekadashi: जया एकादशी 5 फरवरी को

HighlightsJaya Ekadashi: माघ मास के शुक्ल पक्ष को किया जाता है जया एकादशी व्रतजया एकादशी की शुरुआत 4 फरवरी की रात से हो रही है, उपवास और दान का है महत्व

Jaya Ekadashi 2020: माघ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को जया एकादशी कहा गया है। वैसे तो हिंदू मान्यताओं में हर एकादशी का महत्व है लेकिन इस दिन को बहुत पुण्यदायी कहा गया है। मान्यता है कि माघ के शुक्ल पक्ष की एकादशी व्रत को करने से धन की कमी से जूझ रहे लोगों को समृद्धि मिलती है। साथ ही मृत्यु के बाद भूत-पिशाच जैसी योनि भी प्राप्त नहीं होती। इस बार जया एकादशी 5 फरवरी (बुधवार) को है।

Jaya Ekadashi: जया एकादशी का महत्व

हर एकादशी की तरह जया एकादशी में भी भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। ऐसा कहा गया है कि इस व्रत को करने वाले को अग्निष्टोम यज्ञ के बराबर फल मिलता है। पाप का अंत होता है और घर-परिवार में समृद्धि आती है। जया एकादशी के दिन व्रत करने वाले को अन्न का त्याग करना चाहिए और विधिवत पूजा के बाद दान करना चाहिए। 

अगर आप व्रत नहीं कर रहे हैं तो भी विष्णु सहस्त्रनाम और विष्णु सतनाम स्तोत्र का पाठ करें। साथ ही इस दिन सदाचार का पालन करें और सात्विक भोजन करें। इस दिन लहसुन, प्याज, मांस-मदिरा और तंबाकू आदि से भी परहेज करें।

Jaya Ekadashi: जया एकादशी पूजा विधि

नारदपुराण के अनुसार जया एकादशी का व्रत करने वाले को ब्रह्म मुहूर्त में जगना चाहिए। इस दिन स्नान आदि के बाद भगवान विष्णु का ध्यान करें और एकादशी व्रत का संकल्प लें। इसके बाद एक छोटी चौकी पर लाल कपड़ा डाल कर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें। 

इसके बाद फूल आदि से पूजा स्थल को सजाएं और तुलसी जी को जल चढ़ाएं। भगवान विष्णु के सामने घी के दीये जलाएं और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें। इसके बाद उनकी आरती उतारें। शाम के समय भी भगवान विष्णु की पूजा करें और फिर आरती उतारें। पूजा के अगले दिन ब्रह्मणों को भोजन कराएं और दक्षिण आदि देने के बाद पारण करें।   

Jaya Ekadashi: जया एकादशी पूजा का मुहूर्त

माघ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 4 फरवरी की रात 9.49 बजे से हो रही है। इसका समापन 5 तारीख को रात 9.30 बजे होगा। इसलिए 5 फरवरी को प्रात: काल में भगवान विष्णु की पूजा करना शुभ होगा।

एकादशी व्रत के लिए तैयारी दशमी की तिथि से ही आरंभ कर देना चाहिए।  मसलन दशमी को भी आप सात्विक भोजन आदि करें और अनुशासन में रहें। एकादशी के दिन किसी की बुराई नहीं करनी चाहिए और किसी के प्रति बुरी सोच नहीं रखनी चाहिए।

Web Title: Jaya Ekadashi vrat 2020 date, tithi, puja shubh muhurat, puja vidhi and importance

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