Janmashtami 2019: वृंदावन की सबसे रहस्यमयी जगह जहां आज भी हर रात रासलीला रचाने आते हैं श्रीकृष्ण
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: August 22, 2019 11:30 AM2019-08-22T11:30:47+5:302019-08-22T11:30:47+5:30
Janmashtami 2019: वृंदावन और मथुरा की गलियां श्रीकृष्ण के बाल लीलाओं की कहानियों से अटा पड़ी हैं। वृंदावन में मौजूद निधिवन के बारे में तो कहा जाता है कि रोज रात में यहां श्रीकृष्ण आकर गोपियों संग रासलीला रचाते हैं।
Janmashtami 2019: बात भगवान कृष्ण की हो उनकी बाल लीलाओं की नहीं, ऐसा भला कैसे हो सकता है। घर-घर जाकर माखन चोरी करने से लेकर गोपियों के संग मस्ती और रास लीला, ये तमाम ऐसी बातें हैं जो भगवान के जीवन का एक अलग रंग दिखाती है। द्वापरयुग में भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जन्में श्रीकृष्ण का जीवन काल मथुरा से शुरू होता है फिर महाभारत युद्ध से होते हुए द्वारका तक पहुंचता है।
इस पूरे सफर में श्रीकृष्ण ने जीवन के कई ऐसे गूढ़ रहस्यों को उजागर किया है जिसे जानना मानव के लिए बहुत जरूरी है। ऐसे तो श्रीकृष्ण का पूरा जीवन सफर ही बहुत रोचक है लेकिन उनके बाल्य काल की लीलाओं का आज भी कोई जवाब नहीं है। वृंदावन और मथुरा में श्रीकृष्ण के बचपन से जुड़ी कई कहानियां बहुत प्रचलित है। इसी में से एक वृंदावन में उनके गोपियों के साथ रासलीला रचाने की भी कहानी है। कहते हैं मथुरा के पास मौजूद 'निधिवन' में आज भी भगवान श्रीकृष्ण हर रात गोपियों संग रास रचाने आते हैं।
Janmashtami 2019: निधिवन में आज भी आते हैं श्रीकृष्ण
वृंदावन में स्थित निधिवन घने पेड़ों का एक स्थान है, जिसके बारे में कहा जाता है कि यह संगीत सम्राट रसिक स्वामी श्री हरिदासजी की साधना स्थल रही है। कहते हैं कि आज भी रात में निधिवन में कोई रूक नहीं सकता है और न ही किसी को निधिवन की ओर रात में देखने की इजाजत होती है। सभी को यहां से रात में बाहर कर दिया जाता है। यही नहीं, निधिवन के आसपास बने घरों की खिड़कियों को भी बंद कर दिया जाता है।
मान्यता है कि निधिवन में रोज रात को श्रीकृष्ण आकर गोपियों संग रासलीला रचाते हैं। इस दौरान किसी को इस ओर नहीं देखना चाहिए क्योंकि ऐसा करने वाला या तो अंधा हो जाता है या फिर दिमागी संतुलन खो बैठकता है। कहते हैं वन में मौजूद पेड़ ही दरअसल गोपियां हैं और रात में अपने असल रूप में आकर श्रीकृष्ण के साथ रास रचाती हैं।
Janmashtami 2019: रंगमहल मंदिर में भी आते हैं श्रीकृष्ण
निधिवन में मौजूद रंगमहल मंदिर भी मौजूद है। इसके बारे में कहा जाता है कि रात में यह मंदिर बंद कर दिया जाता है लेकिन इससे पहले इसके एक कक्ष में मिठाई, दातून, पानी का बर्तन, पान और श्रृंगार आदि का सामान आदि रख दिया जाता है। साथ ही श्रीकृष्ण का बिस्तर सजाया जाता है। सुबह जब आरती के लिए कक्ष को खोला जाता है तो बर्तन में रखा पानी खत्म रहता है।
साथ ही कमरे का सामान बिखरा रहता है दातुन भी गिली रहती है। यही नहीं, बिस्तर देखने पर ऐसा लगता है कि जैसे उस पर कोई सोया हुआ था। यही नहीं, आधा खाया हुआ पान भी रखा होता है। मान्यता है कि यहां रोज भगवान कृष्ण और राधा आते हैं।