जम्मू-कश्मीर: अमरनाथ यात्रा छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ समाप्त, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की समापन पूजा
By सुरेश एस डुग्गर | Published: August 12, 2022 03:15 PM2022-08-12T15:15:47+5:302022-08-12T15:15:47+5:30
अमरनाथ यात्रा का समापन हो गया। शुक्रवार तड़के छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही इस साल के लिए पवित्र अमरनाथ यात्रा का समापन हुआ। श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने ऑनलाइन माध्यम से समापन पूजा की।
जम्मू: अमरनाथ की पवित्र गुफा में शुक्रवार को श्रावण पूर्णिमा के मौके पर प्रतीक छड़ी मुबारक की स्थापना के साथ ही धार्मिक तौर पर अमरनाथ यात्रा का समापन हो गया। हालांकि, आधिकारिक तौर पर पांच अगस्त से अमरनाथ यात्रा को रोक दिया गया था।
अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार तड़के ढाई बजे महंत दीपेंद्र गिरि के नेतृत्व में छड़ी मुबारक पवित्र गुफा पहुंची। सुबह सूर्य उदय के साथ श्रावण पूर्णिमा के मुहूर्त में पवित्र गुफा में दर्शन किए गए। इसके बाद पूजा अर्चना की गई।
वहीं, सुबह राजभवन, श्रीनगर में जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने वार्षिक श्री अमरनाथ यात्रा की समापन पूजा की। उन्होंने लोगों के लिए शांति, प्रगति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की।
J&K | Lt Governor Manoj Sinha performed Samapan Pooja which marks the end of the annual Amarnath Yatra, via video conferencing earlier today. pic.twitter.com/ST0rYf62TW
— ANI (@ANI) August 12, 2022
अंतिम दिन करीब डेढ़ सौ श्रद्धालुओं ने गुफा के दर्शन किए जबकि 29 जून को आरंभ हुई अमरनाथ यात्रा के 43 दिनों के भीतर 3.10 लाख श्रद्धालुओं ने हिमलिंग के दर्शन किए हैं। इस बार अमरनाथ यात्रा में 63 श्रद्धालुओं की मौत भी हो गई।
इस यात्रा की प्रतीक पावन पवित्र ‘छड़ी मुबारक’ को भी पवित्र गुफा में स्थापित किया गया जिसे लेकर साधुओं का एक दल श्रीनगर के दशनामी अखाड़े से चला था और इस दल का नेतृत्व दशनामी अखाड़े के महंत दीपेंद्र गिरि ने किया था। पूजा प्रतिष्ठा के बाद इस ‘छड़ी मुबारक’ को पुनः उसी अखाड़े में स्थापित कर दिया जाएगा।
महंत दीपेन्द्र गिरि के नेतृत्व में सुबह पंजतरनी से शुरू हुई छड़ी मुबारक की यात्रा में बड़ी संख्या में सिर्फ साधुओं ने हिस्सा लिया। बम बम भोले और हर हर महादेव जैसे नारों की गूंज के साथ छड़ी मुबारक को पवित्र गुफा में लाया गया। छड़ी मुबारक के यहां पहुंचने के बाद शुरू हुई पूजा दिनभर चली व शाम को छडी मुबारक को रात्रि विश्राम के लिए पंजतरनी ले जाया गया।
कल रात तक छड़ी मुबारक पहलगाम पहुंचेगी। पहलगाम के ही लिद्दर नदी पर पूजा और विसर्जन के बाद साधु-संतों के लिए पारंपरिक कढ़ी-पकौड़ा भंडारा का आयोजन किया जाएगा।