जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2019: रेलवे का यात्रियों को तोहफा, रथ यात्रा के दौरान चलाएगा 194 स्पेशल ट्रेन

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 27, 2019 08:24 AM2019-06-27T08:24:01+5:302019-06-27T13:06:18+5:30

रेलवे रथ यात्रा के विशेष मौके के लिए एक विशेष एप भी जारी करेगा जिसमें सभी स्पेशल ट्रेन से संबंधित जानकारी दी जाएगी। हर साल होने वाले इस विशेष आयोजन का हिंदू मान्यताओं में विशेष महत्व है।

jagannath puri yatra 2019 indian railways to run 194 special trains for devotees | जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा 2019: रेलवे का यात्रियों को तोहफा, रथ यात्रा के दौरान चलाएगा 194 स्पेशल ट्रेन

जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा (फाइल फोटो)

Highlightsभारतीय रेलवे जगन्नाथ पुरी रथ यात्रा के दौरान चलाएगा 194 विशेष ट्रेनभक्तों की भारी भीड़ को देखते हुए रेलवे ने लिया फैसला, एक विशेष ऐप भी करेगा लॉन्चरेलवे की ओर से ये सभी विशेष ट्रेन 4 जुलाई से 13 जुलाई के बीच चलाई जाएगी

पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के दौरान उड़ीसा के पुरी आने वाले श्रद्धालुओं की जबर्दस्त भीड़ को देखते हुए रेलवे ने 194 स्पेशल ट्रेन चलाने का फैसला किया है। ईस्ट कोस्ट रेलवे की खुर्दा रोड डिविजन (ECoR) की ओर से ये स्पेशल ट्रेन 4 जुलाई से 13 जुलाई के बीच चलाई जाएगी। यह फैसला खुर्दा रोड के डीआरएम ऑफिस में रेलवे अधिकारियों के बीच हुई एक बैठक में लिया गया। 

रेलवे रथ यात्रा के विशेष मौके के लिए एक विशेष एप भी जारी करेगा जिसमें सभी स्पेशल ट्रेन से संबंधित जानकारी दी जाएगी। इसके अलावा 60 नये टिकट बुकिंग काउंटर और ऑटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीन भी लगाये जाएंगे। पुरी में रत्र यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में उमड़ने वाले श्रद्धालुओं को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षा के इंतजाम भी किये हैं। इसके अलावा रेलवे शहर में कई जगहों पर अस्थाई जानकारी केंद्रों की स्थापना करेगा। इसके अलावा इमरजेंसी ट्रेन सुविधा भी मुहैया कराई जाएगी।

पुरी जगन्नाथ यात्रा का है बड़ा महत्व

हर साल होने वाले इस विशेष आयोजन का हिंदू मान्यताओं में विशेष महत्व है। रथयात्रा में बलभद्र का रथ 'तालध्वज' सबसे आगे होता है। बीच में सुभद्रा का रथ 'पद्म रथ' होता है। वहीं, सबसे अंत में भगवान जगन्नाथ का 'नंदी घोष' या 'गरुड़ध्वज' रथ रहता है। यह रथयात्रा हर साल आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को निकाली जाती है।

भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा क्यों निकाली जाती है?

पुराणों में जगन्नाथ पुरी को धरती का बैकुंठ कहा गया है। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान विष्णु ने पुरी में पुरुषोतम नीलमाधव के रूप में अवतार लिया था। रथयात्रा के पीछे पौराणिक मत यह भी है कि ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन जगन्नाथ पुरी का जन्मदिन होता है। इसके बाद प्रभु जगन्नाथ को बड़े भाई बलराम जी तथा बहन सुभद्रा के साथ मंदिर के पास बने स्नान मंडप में ले जाया जाता है।

उन्हें यहां 108 कलशों से शाही स्नान कराया जाता है। मान्यता यह है कि इस स्नान के बाद भगवान बीमार हो जाते हैं उन्हें ज्वर आता है। 15 दिनों तक उन्हें एक विशेष कक्ष में रखा जाता है और कोई भक्त उनके दर्शन नहीं कर पाता। इस दौरान मंदिर के प्रमुख सेवक और वैद्य उनका इलाज करते हैं।

15 दिन के बाद भगवान स्वस्थ होकर अपने कक्ष से बाहर निकलते हैं और भक्तों को दर्शन देते हैं। इसके बाद आषाढ़ महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि को वे भ्रमण और भक्तों से मिलने के लिए नगर में निकलते हैं।

English summary :
Rath Yatra 2019 Special: In view of the tremendous crowd of pilgrims coming to Puri in Orissa during the Puri Jagannath Rath Yatra 2019, the Railways have decided to run 194 special trains. This special train will be run from July 4 to 13, on the East Coast Railway Khurda Road Division (ECoR).


Web Title: jagannath puri yatra 2019 indian railways to run 194 special trains for devotees

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