होली 2019: होलिका दहन 20 मार्च को, जानें पूजन की शास्त्रीय विधि, पूजा की भस्म से करें ये उपाय, मिलेगा लाभ
By गुलनीत कौर | Published: March 14, 2019 03:56 PM2019-03-14T15:56:19+5:302019-03-14T15:56:19+5:30
रंगों का पर्व होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला प्रसिद्ध भारतीय त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह पर्व फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। ज्योतिष शास्त्र में होली का विशेष महत्व है इसलिए इस मौके पर विशेष ज्योतिष उपाय भी किए जाते हैं।
रंगों का पर्व होली इस बार 20 और 21 मार्च को है। हर वर्ष होली का यह पावन पर्व वसंत ऋतु में मनाया जाता है। जाती हुई ठंड और हल्की गर्मी के मौसम में आने वाला यह त्योहार अमूमन सभी के मन को भाता है। होली 2019 का पर्व इस बार विशेष संयोगों एवं नक्षत्रों के बीच मनाया जाएगा। 20 मार्च को होलिका दहन है। 21 मार्च को रंगवाली होली खेली जाएगी।
होलिका दहन 2019 तिथि, पूजा का शुभ मुहूर्त (Holika Dahan 2019 time, puja time)
20 मार्च की सुबह 10 बजकर 45 मिनट से अशुभ काल भद्रा प्रारंभ हो जाएगा जो कि रात 8 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। होलिका दहन के दौरान भद्रा काल का अत्यंत ध्यान दिया जाता है। भद्रा काल समाप्त होने के बाद ही होलिका दहन किया जाता है। इसलिए रात 9 बजे के बाद ही होलिका दहन किया जाएगा।
होलिका दहन पूजा विधि (Holika Dahan Puja Vidhi)
- सबसे पहले कुछ लकड़ियां एकत्रित क्कारें। इसके लिए पेड़ से लकड़ियां ना काटें। होलिका दहन पूजा में नीचे गिरी हुई लकड़ियों का इस्तेमाल करने का ही प्रावधान है
- अब लकड़ियों को सीधा खड़ा कर लें। इसके आसपास गोबर के ढेर सारे उपले, घास-फूस आदि जमा कर दें
- अब सबसे पहले भगवान गणेश और माता गौरी का ध्यान करते हुए पूजा आरंभ करें
- लकड़ियों पर रोली और कच्चा सूट लपेटें। ऐसा करते हुए एक एक करेक 'ॐ होलिकायै नमः', 'ॐ प्रह्लादय नमः', 'ॐ नृसिंहाय नमः' का निरंतर जाप करें
- अब अपने मन की इच्छा का ध्यान करें और साथ ही पूजा में हुई किसी भी गलती के लिए क्षमा मांगें। होलिका की तीन बार परिक्रमा भी करें
- इसके बाद तांबे के लोटे में स्वच्छ जल लेकर 'ॐ ब्रह्मार्पणमस्तु' कहते हुए होलिका को जल अर्पित करें। ध्यान रहे यह जल अग्नि के बीच नहीं बल्कि आसपास परिक्रमा करते हुए डालना है
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होलिका पूजन की भस्म का महत्व
होलिका पूरी जलने के बाद जब भस्म बाख जाए तो उसे डिब्बी में भरकर अपने घर में रखें। मान्यता है कि यह पवित्र भस्म बेहद शक्तिशाली होती है। इसका उपयोग व्यक्ति को प्रेतबाधा, बुरी नजर, टोन-टोटके आदि से बचाता है। यह भस्म सभी दुनियावी बुरी शक्तियों से घर-परिवार की रक्षा करती है।