बसंत पंचमी के दिन से मथुरा में होली की शुरुआत, 40 दिनों तक कान्हा के रंग में डूबे रहेंगे भक्त

By अंजली चौहान | Published: January 26, 2023 05:19 PM2023-01-26T17:19:29+5:302023-01-26T17:21:47+5:30

बता दें कि भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन की होली पूरी दुनिया में मशहूर है।

Holi is played in Mathura from the day of Basant Panchami which lasts for 40 days | बसंत पंचमी के दिन से मथुरा में होली की शुरुआत, 40 दिनों तक कान्हा के रंग में डूबे रहेंगे भक्त

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Highlightsबसंत पंचमी के दिन मथुरा में देवी सरस्वती की पूजा के साथ राधा-कृष्ण की भी पूजा होती है।परंपरा के अनुसार आज से ब्रज में होली खेलने की शुरुआत हो जाती है।पुजारी भगवान कृष्ण की प्रतिमा को रंग लगाकर भक्तों पर रंग की वर्षा करते हैं।

मथुरा: भगवान श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में आज बसंत पंचमी के पर्व के साथ ही होली के त्योहार की शुरुआत हो गई है। रंगों का त्योहार होली हर साल मथुरा-वृंदावन में बड़े ही धूम-धाम से मनाई जाती है। मथुरा में अलग-अलग तरह की होली खेलने की परम्परा है। जिसमें फूल वाली होली, रंगों की होली और लठ मार होली होती है लेकिन बहुत कम लोग ये जानते हैं कि मथुरा की होली का बसंत पंचमी के दिन के साथ एक खास संबंध है। 

वसंत ऋतु के आगमन के साथ बसंत पंचमी का पर्व मनाया जाता है और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। मथुरा में देवी सरस्वती की पूजा के साथ ही कान्हा और राधा की भी पूजा होती है और इसी के साथ मथुरा में आज के दिन से ही होली मनाने का उत्सव शुरू हो जाता है। मथुरा में होली का उत्सव करीब 40 दिनों तक चलता है। रंग-गुलाल के साथ आज से अगले 40 दिनों तक भक्त कान्हा के रंग में रंगे रहेंगे। 

मथुरा के मंदिरों में जमकर उड़ा गुलाल

परंपरा के अनुसार आज के दिन मथुरा-वृंदावन के तमाम मंदिरों में जमकर रंग-गुलाल उड़ाया जाता है। इसके बाद अगले 40 दिनों तक ऐसी ही होली खेलने का सिलसिला शुरू हो जाता है। बसंत पंचमी के दिन बांके बिहारी मंदिर में पुजारी पूजा-पाठ करते हैं और भगवान बांके बिहारी को गुलाल-अबीर लगाते हैं। इसके बाद पुजारी भक्तों के ऊपर खूब गुलाल उड़ाते हैं। हिंन्दू धर्म की मान्यताओं के अनुसार, वसंत ऋतु की शुरुआत के साथ ही ब्रज में होली की शुरुआत हो जाती है। यहां के सभी मंदिरों में आज गुलाल उड़ाया जाता है। भक्ति और उल्लास के रंग में डूबे श्रद्धालु अगले 40 दिनों तक ऐसे ही होली मनाते हैं। 

कान्हा की नगरी की होली दुनियाभर में मशहूर 

बता दें कि भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा-वृंदावन की होली पूरी दुनिया में मशहूर है। यहां दूर-दूर से भक्त होली खेलने के लिए आते हैं। ऐसे में 40 दिन तक रंगोत्सव भक्तों के लिए बहुत मनमोहक होता है। वसंत की शुरुआत के साथ पूरे बांके बिहारी लाल के मंदिर को पीले फूलों से सजाया जाता है। वसंत के बीच रंगों का आनंद भक्त उठाते हैं। मान्यताओं को मुताबिक, ब्रज की भूमि पर भगवान कृष्ण का वास है और यहां पर रंग-गुलाल भक्तों के बीच उड़ाने से उन पर सीधे भगवान की कृपा होती है। 

ब्रज में होली खेलने के लिए भारी संख्या में भक्त आते हैं और एक-दूसरे पर रंगों की बरसात करते हैं। पूरे ब्रज में भक्त जमकर होली खेलते हैं। भक्त बांके बिहारी के साथ होली खेलकर आनंद में डूब जाते हैं। 

Web Title: Holi is played in Mathura from the day of Basant Panchami which lasts for 40 days

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