Hariyali Amavasya 2022: 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या, बन रहा है ये शुभ योग, जानें मुहूर्त, पितृ शांति के लिए कारगर उपाय
By रुस्तम राणा | Published: July 24, 2022 02:07 PM2022-07-24T14:07:36+5:302022-07-24T14:07:36+5:30
इस बार 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी और इस दिन शुभ योग भी बन रहे हैं। अमावस्या तिथि पर स्नान-दान के साथ पितरों के श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है।
Hariyali Amavasya 2022: श्रावण मास में पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या के नाम से जाना जाता है। इसे श्रावणी अमावस्या भी कहते हैं। सावन में चारो तरफ धरा हरियाली चादर ओढ़ लेती है। खेत खलिहान सब हरेभरे हो जाते हैं इसलिए इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है। इस बार 28 जुलाई को हरियाली अमावस्या मनाई जाएगी और इस दिन शुभ योग भी बन रहे हैं। अमावस्या तिथि पर स्नान-दान के साथ पितरों के श्राद्ध और तर्पण करने का विधान है। पितृ शांति के लिए अमावस्या के कुछ विशेष उपाय किए जाते हैं।
हरियाली अमावस्या 2022 शुभ मुहूर्त
श्रावण मास की अमावस्या तिथि प्रारंभ - 27 जुलाई 2022 बुधवार रात 09:11 बजे से
श्रावण मास की अमावस्या तिथि समाप्त - 28 जुलाई 2022 गुरुवार की रात 11:24 बजे
श्रावणी अमावस्या पर शुभ योग
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार, हरियाली अमावस्या के दिन इस बार गुरु पुष्य का शुभ योग भी बन रहा हैं। पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना जाता है इसलिए इस योग में तर्पण, पिंडदान करना पुण्यकारी माना गया है। इस दिन सुबह 07:05 तक पुनर्वसु नक्षत्र होने से सिद्धि और उसके बाद पुष्य नक्षत्र होने से दो शुभ योग बनेंगे।
हरियाली अमावस्या के दिन पितृ शांति के उपाय
1. शास्त्रों के अनुसार, हरियाली अमावस्या पर कुछ विशेष चीजों का दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसे में हरियाली यानी की सावन की अमावस्या पर पितरों की शांति के लिए गरीबों को कपड़े और अन्न का दान करना चाहिए।
2. हरियाली अमावस्या पर वृक्षारोप जरूर करें। इससे आपके पितरों आत्मा को शांति मिलती है और वे आपको खुशहाली का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन पीपल, बड़, आंवले, नीम का पौधा लगाएं और उसकी देखभाल का संकल्प लें।
3. हरियाली अमावस्या के दिन आटे की गोलियां बनाकर मछलियों को खिलाएं। साथ ही नदी में काले तिल प्रवाहित करें। इससे आपके दिवंगत पूर्वजों की आत्मा को तृप्ति मिलेगी।
4. हरियाली अमावस्या के दिन पितरों का ध्यान कर पीपल के पेड़ में जल में काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालकर अर्पित करें और ऊं पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें. ये उपाय शुभ फल प्रदान करता है।