Hanuman Jayanti: हनुमान जी के 108 नाम, बना देंगे सभी बिगड़े काम, इस तरह करें जाप
By उस्मान | Published: April 17, 2019 03:07 PM2019-04-17T15:07:50+5:302019-04-17T15:08:13+5:30
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti): हनुमान जी बहुत ही जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। 'संकटमोचन' हनुमान जी अपने भक्तों की सदा सहायता करते हैं।
हनुमान जी बहुत ही जल्द प्रसन्न होने वाले देवता हैं। उन्हें भगवान शिव का अवतार माना जाता है। 'संकटमोचन' हनुमान जी अपने भक्तों की सदा सहायता करते हैं। बजरंगबली के समक्ष किसी भी प्रकार की मायावी शक्ति ठहर नहीं सकती। महावीर की उपासना तुरंत फलदायी होती है और हर तरह के संकट का नाश करती है।
पवनपुत्र हनुमान को 108 नामों से जाना जाता है और हनुमान जी के इन नाम की उपासना अत्यंत प्रभावशाली मानी जाती है। माना जाता है कि चिरंजीवी हनुमान के इन नामों को जपने से चुटकी में बिगड़े काम बन जाते हैं। पंडित दिवाकर आपको हनुमान जी के नाम और उनका मतलब बता रहे हैं-
1) आंजनेया : अंजना का पुत्र
2) महावीर : सबसे बहादुर
3) हनूमत : जिसके गाल फुले हुए हैं
4) मारुतात्मज : पवन देव के लिए रत्न जैसे प्रिय
5) तत्वज्ञानप्रद : बुद्धि देने वाले
6) सीतादेविमुद्राप्रदायक : सीता की अंगूठी भगवान राम को देने वाले
7) अशोकवनकाच्छेत्रे : अशोक बाग का विनाश करने वाले
8) सर्वमायाविभंजन : छल के विनाशक
9) सर्वबन्धविमोक्त्रे : मोह को दूर करने वाले
10) रक्षोविध्वंसकारक : राक्षसों का वध करने वाले
11) परविद्या परिहार : दुष्ट शक्तियों का नाश करने वाले
12) परशौर्य विनाशन : शत्रु के शौर्य को खंडित करने वाले
13) परमन्त्र निराकर्त्रे : राम नाम का जाप करने वाले
14) परयन्त्र प्रभेदक : दुश्मनों के उद्देश्य को नष्ट करने वाले
15) सर्वग्रह विनाशी : ग्रहों के बुरे प्रभावों को खत्म करने वाले
16) भीमसेन सहायकृथे : भीम के सहायक
17) सर्वदुखः हरा : दुखों को दूर करने वाले
18) सर्वलोकचारिणे : सभी जगह वास करने वाले
19) मनोजवाय : जिसकी हवा जैसी गति है
20) पारिजात द्रुमूलस्थ : प्राजक्ता पेड़ के नीचे वास करने वाले
21)सर्वमन्त्र स्वरूपवते : सभी मंत्रों के स्वामी
22) सर्वतन्त्र स्वरूपिणे : सभी मंत्रों और भजन का आकार जैसा
23) सर्वयन्त्रात्मक : सभी यंत्रों में वास करने वाले
24) कपीश्वर : वानरों के देवता
25) महाकाय : विशाल रूप वाले
26) सर्वरोगहरा : सभी रोगों को दूर करने वाले
27) प्रभवे : सबसे प्रिय
28) बल सिद्धिकर :
29) सर्वविद्या सम्पत्तिप्रदायक : ज्ञान और बुद्धि प्रदान करने वाले
30) कपिसेनानायक : वानर सेना के प्रमुख
31) भविष्यथ्चतुराननाय : भविष्य की घटनाओं के ज्ञाता
32) कुमार ब्रह्मचारी : युवा ब्रह्मचारी
33) रत्नकुण्डल दीप्तिमते : कान में मणियुक्त कुंडल धारण करने वाले
34) चंचलद्वाल सन्नद्धलम्बमान शिखोज्वला : जिसकी पूंछ उनके सर से भी ऊंची है
35) गन्धर्व विद्यातत्वज्ञ, : आकाशीय विद्या के ज्ञाता
36) महाबल पराक्रम : महान शक्ति के स्वामी
37) काराग्रह विमोक्त्रे : कैद से मुक्त करने वाले
38) शृन्खला बन्धमोचक: तनाव को दूर करने वाले
39) सागरोत्तारक : सागर को उछल कर पार करने वाले
40) प्राज्ञाय : विद्वान
41) रामदूत : भगवान राम के राजदूत
42) प्रतापवते : वीरता के लिए प्रसिद्ध
43) वानर : बंदर
44) केसरीसुत : केसरी के पुत्र
45) सीताशोक निवारक : सीता के दुख का नाश करने वाले
46) अन्जनागर्भसम्भूता : अंजनी के गर्भ से जन्म लेने वाले
47) बालार्कसद्रशानन : उगते सूरज की तरह तेजस
48) विभीषण प्रियकर : विभीषण के हितैषी
49) दशग्रीव कुलान्तक : रावण के राजवंश का नाश करने वाले
50) लक्ष्मणप्राणदात्रे : लक्ष्मण के प्राण बचाने वाले
51) वज्रकाय : धातु की तरह मजबूत शरीर
52) महाद्युत : सबसे तेजस
53) चिरंजीविने : अमर रहने वाले
54) रामभक्त : भगवान राम के परम भक्त
55) दैत्यकार्य विघातक : राक्षसों की सभी गतिविधियों को नष्ट करने वाले
56) अक्षहन्त्रे : रावण के पुत्र अक्षय का अंत करने वाले
57) कांचनाभ : सुनहरे रंग का शरीर
58) पंचवक्त्र : पांच मुख वाले
59) महातपसी : महान तपस्वी
60) लन्किनी भंजन : लंकिनी का वध करने वाले
61) श्रीमते : प्रतिष्ठित
62) सिंहिकाप्राण भंजन : सिंहिका के प्राण लेने वाले
63) गन्धमादन शैलस्थ : गंधमादन पर्वत पार निवास करने वाले
64) लंकापुर विदायक : लंका को जलाने वाले
65) सुग्रीव सचिव : सुग्रीव के मंत्री
66) धीर : वीर
67) शूर : साहसी
68) दैत्यकुलान्तक : राक्षसों का वध करने वाले
69) सुरार्चित : देवताओं द्वारा पूजनीय
70) महातेजस : अधिकांश दीप्तिमान
71) रामचूडामणिप्रदायक : राम को सीता का चूड़ा देने वाले
72) कामरूपिणे : अनेक रूप धारण करने वाले
73) पिंगलाक्ष : गुलाबी आँखों वाले
74) वार्धिमैनाक पूजित : मैनाक पर्वत द्वारा पूजनीय
75) कबलीकृत मार्ताण्डमण्डलाय : सूर्य को निगलने वाले
76) विजितेन्द्रिय : इंद्रियों को शांत रखने वाले
77) रामसुग्रीव सन्धात्रे : राम और सुग्रीव के बीच मध्यस्थ
78) महारावण मर्धन : रावण का वध करने वाले
79) स्फटिकाभा : एकदम शुद्ध
80) वागधीश : प्रवक्ताओं के भगवान
81) नवव्याकृतपण्डित : सभी विद्याओं में निपुण
82) चतुर्बाहवे : चार भुजाओं वाले
83) दीनबन्धुरा : दुखियों के रक्षक
84) महात्मा : भगवान
85) भक्तवत्सल : भक्तों की रक्षा करने वाले
86) संजीवन नगाहर्त्रे : संजीवनी लाने वाले
87) सुचये : पवित्र
88) वाग्मिने : वक्ता
89) दृढव्रता : कठोर तपस्या करने वाले
90) कालनेमि प्रमथन : कालनेमि का प्राण हरने वाले
91) हरिमर्कट मर्कटा : वानरों के ईश्वर
92) दान्त : शांत
93) शान्त : रचना करने वाले
94) प्रसन्नात्मने : हंसमुख
95) शतकन्टमदापहते : शतकंट के अहंकार को ध्वस्त करने वाले
96) योगी : महात्मा
97) मकथा लोलाय : भगवान राम की कहानी सुनने के लिए व्याकुल
98) सीतान्वेषण पण्डित : सीता की खोज करने वाले
99) वज्रद्रनुष्ट :
100) वज्रनखा : वज्र की तरह मजबूत नाखून
101) रुद्रवीर्य समुद्भवा : भगवान शिव का अवतार
102) इन्द्रजित्प्रहितामोघब्रह्मास्त्र विनिवारक : इंद्रजीत के ब्रह्मास्त्र के प्रभाव को नष्ट करने वाले
103) पार्थ ध्वजाग्रसंवासिने : अर्जुन के रथ पार विराजमान रहने वाले
104) शरपंजर भेदक : तीरों के घोंसले को नष्ट करने वाले
105) दशबाहवे : दस्द भुजाओं वाले
106) लोकपूज्य : ब्रह्मांड के सभी जीवों द्वारा पूजनीय
107) जाम्बवत्प्रीतिवर्धन : जाम्बवत के प्रिय
108) सीताराम पादसेवा : भगवान राम और सीता की सेवा में तल्लीन रहने वाले