Haj Yatra: 17 दिसंबर तक बढ़ी फॉर्म भरने की तारीख, जानिए हज यात्रा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

By मेघना वर्मा | Published: December 7, 2019 12:05 PM2019-12-07T12:05:07+5:302019-12-07T12:05:07+5:30

इस्लाम के कुल पांच स्तम्भ होते हैं जिनमें तौहीद, नमाज, रोजा, जकात और हज आते हैं। मुस्लिम समुदायों के लिए यह पांच स्तम्भ काफी मायने रखते हैं। जिसे पूरा करने मुस्लिम समुदाय से अपेक्षा की जाती है।

Haj Yatra: what is haj yatra in hindi, unknown facts about haj yatra, facts about haj | Haj Yatra: 17 दिसंबर तक बढ़ी फॉर्म भरने की तारीख, जानिए हज यात्रा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Haj Yatra: 17 दिसंबर तक बढ़ी फॉर्म भरने की तारीख, जानिए हज यात्रा से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

Highlightsहज फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाए जाने की मांग की गई थी क्योंकि हज यात्रियों के पासपोर्ट तैयार नहीं थे। इस्लाम का यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान दुनिया भर के मुस्लमानों के लिए काफी अहम होता है। 

मुस्लिम समुदाय में हज यात्रा को सबसे महत्वपूर्ण माना जाता है। हर साल लाखों की तादाद में लोग सऊदी अरब का मक्का शहर में हज की यात्रा करने के लिए जाते हैं। यहां स्थित काबा को इस्लाम में सबसे पवित्र स्थल माना जाता है। इस्लाम का यह प्राचीन धार्मिक अनुष्ठान दुनिया भर के मुस्लमानों के लिए काफी अहम होता है। 

हज कमेटी ऑफ इंडिया ने फैसला लेते हुए हज यात्रियों के ऑनलाइन आवेदन फार्म भरने की अंतिम तारीख को 5 दिसंबर से बढ़ाकर 17 दिसंबर कर दिया गया है। बताया ये जा रहा है कि हज फार्म भरने की अंतिम तिथि को बढ़ाए जाने की मांग की गई थी क्योंकि हज यात्रियों के पासपोर्ट तैयार नहीं थे। आज हम आपको मुस्लिम समुदाय की इसी पवित्र यात्रा के बारे में कुछ रोचक जानकारियां बताने जा रहे हैं।

इस्लाम के कुल पांच स्तम्भ होते हैं जिनमें तौहीद, नमाज, रोजा, जकात और हज आते हैं। मुस्लिम समुदायों के लिए यह पांच स्तम्भ काफी मायने रखते हैं। जिसे पूरा करने मुस्लिम समुदाय से अपेक्षा की जाती है। जो भी मुस्लमान स्वस्थ और आर्थिक रूप से सक्षम होते हैं उनसे उम्मीद की जाती है कि वह जीवन में एक बार हज यात्रा जरूर करें।

हज की यात्रा से जुड़ी कुछ रोचक बातें

1. हज की यात्रा में काबा बहुत बड़ी मस्जिद में स्थित एक छोटी सी इमारत है। जो संगमरमर से बनी है। माना जाता है कि ये जन्नत से इंसान के साथ ही जमीन पर आया है। 

2. मान्यता है कि जब इब्राहिम काबा का निर्माण कर रहे थे तब जिब्राइल ने उन्हें ये पत्थर दिया। बता दें जिब्राइल को देवदूत माना जाता है। सभी मुसलमान नमाज के समय काबा की ओर मुंह करके बैठते हैं। 

3. हज की यात्रा कई चरणों में पूरी होती है। इसकी शुरुआत होती है इस्लामी कैलेंडर के महीने जिलहज से। सभी हज यात्री मक्का पहुंचने से पहले मीकात नाम की सीमा से गुजरना होता है। 

4. हज यात्रा में तवाफ की रस्म पूरी की जाती है। जिसमें हजयात्री काबा के पवित्र स्थान के चारों ओर अपनी शक्ति के अनुसार चक्कर लगाते हैं। सात चक्कर लगाने को एक तवाफ कहते हैं। 

5. तवाफ के बाद सईअ या सफा-मरवाह ना की दो रेगिस्तानी पहाड़ों पर दौड़ने की रस्म पूरी की जाती है। जिसमें हज यात्री आबे-जम-जम नाम के पाक जल को पीते हैं। 

6. हज यात्रा के बाद शैतान को पत्थर मारने की भी परंपरा है। वापिस लौटते समय साथ लाए पत्थरों को शैतान के स्थान पर फेंकते हैं। इसी तरह हज यात्रा पूरी हो जाती है। 

Web Title: Haj Yatra: what is haj yatra in hindi, unknown facts about haj yatra, facts about haj

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